नई दिल्ली | दिल्ली विधानसभा ने डिजिटल भविष्य की दिशा में पहला कदम उठाया है। दिल्ली विधानसभा ई-विधानसभा होगी। डिजिटल कार्य में दक्षता बढ़ाने के लिए अब वेब-आधारित डिजिटल प्लेटफार्म पर जाने के लिए एक परियोजना पर काम होने जा रहा है। विधानसभा सदन में प्रश्नों के जवाब आनलाइन तैयार मिलेंगे। योजना के तहत विधानसभा में सदन की कार्यवाही आनलाइन होगी और जनता सवाल-जवाब भी आनलाइन सुन, देख और पढ़ सकेगी। माना जा रहा है कि इस कोशिश से प्रतिवर्ष एक हजार किलो से अधिक कागज और प्रिंटिंग व पैकेजिंग पर खर्च होने वाले 50 लाख रुपये बच सकेंगे।

इस तरह चलेगी सदन की कार्यवाही

विधानसभा से जुड़ी हर जानकारी विधायकों के लैपटाप में होगी। विधायकों को अभी सत्र के दौरान विधानसभा का दौरा करना पड़ता है या अपने प्रश्न प्रस्तुत करने के लिए किसी को भेजना पड़ता है, लेकिन यह परियोजना पूरी होने पर वे डिजिटल रूप से ऐसा करने में सक्षम होंगे। वे अपने घरों से ई-विधानसभा का उपयोग करने में सक्षम होंगे। विधानसभा की कार्यवाही जब शुरू होगी तो एक मंत्री जवाब देते समय सिर्फ एक बटन दबा सकेगा और लिखित उत्तर अन्य सदस्यों के लैपटाप की स्क्रीन पर दिखाई देगा। वार्षिक बजट पेश किया जाता है तो कागज का बड़े स्तर पर उपयोग किया जाता है, लेकिन अब वित्त मंत्री को बस एक बटन दबाना होगा और दस्तावेज सभी सदस्यों के लैपटाप पर दिखाई देंगे।

चार साल पहले बनाई गई थी योजना

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा है कि विधानसभा सदस्य अपने घरों से बैठकों में भाग ले सकेंगे, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि शारीरिक बैठकें भी हों। परियोजना में विधायकों और जनता के लिए अलग-अलग मोबाइल एप्लीकेशन भी तैयार कराए जाएंगे। इससे लोग अपनी शिकायतें उठा सकेंगे और अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विधायकों के साथ बातचीत कर सकेंगे। इस परियोजना के लिए टेंडर जारी किया गया है।

दिल्ली विधानसभा को पेपरलेस बनाए जाने के लिए करीब चार साल पहले योजना बनाई गई थी। तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस परियोजना पर आने वाले खर्च की मांग की थी, लेकिन बाद में केंद्र से दिल्ली विधानसभा को राशि नहीं मिल सकी थी। इसके बाद विधानसभा सचिव ने पेपरलेस बनाने के लिए खर्च होने वाली अनुमानित 20 करोड़ की राशि का प्रस्ताव दिल्ली सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेज दिया था। इस पर दिल्ली सरकार मुहर लगा चुकी है।