नई दिल्ली। हाल ही में सऊदी अरब में किंग अब्दुल्ला इकोनॉमिक सिटी के जुमन पार्क में देश के पहले योगा फेस्टिवल का आयोजन किया गया। जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। इसमें वहां के करीब एक हजार लोगों ने भाग लिया। इसका आयोजन किया था नौफ मारवाई ने। नौफ सऊदी अरब में एक योग प्रशिक्षक हैं। वह सऊदी अरब में अरब योग फाउंडेशन की संस्थापक हैं। नौफ मारवाई ने योग को कानूनी बनाने और सऊदी अरब में आधिकारिक मान्यता दिलाने में योगदान दिया है। उन्हें 2018 में उन्हें भारतीय योग को सऊदी अरब में लोकप्रिय बनाने के लिए भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। नौफ मारवाई सऊदी अरब में पहली सर्टिफाइड योगा प्रशिक्षक हैं। उन्होंने सऊदी अरब में योगा को वैध बनाने में अहम भूमिका निभाई है। वो खुद एक प्रतिरक्षा तंत्र से जुड़ी बीमारी से पीड़ित थीं, जिसे उन्होंने योगा और आयुर्वेद से ठीक कर लिया।

लंबी लड़ाई के बाद मिला प्रमाणपत्र
करीब 20 साल लंबी लड़ाई के बाद नौफ मरवाई को सऊदी सरकार ने पहले आधिकारिक योग प्रशिक्षक का प्रमाणपत्र जारी किया है। कट्टरपंथियों के बीच रहते हुए भी सऊदी अरब की एक महिला ने परंपरागत छवियों को तोड़कर दूसरों के लिए एक मिसाल कायम की है। नौफ के पिता मोहम्मद मरवाई एथलीट हैं। वह करीब 45 साल पहले सऊदी में मार्शल आर्ट को लेकर आए थे, लेकिन कट्टरपंथी ताकतों से उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा। उन्हें ये भी हमेशा महसूस हुआ कि उनके देश की छवि हमेशा ही महिला विरोधी की रही है। अब उनकी बेटी ने वहां मिसाल कायम की है। 

पहले अकेली योग शिक्षक थीं
अपने एक इंटरव्यू में मरवाई ने कहा, दो दशक पहले तक पूरे सऊदी में मैं अकेली योग शिक्षक थी। साल 2004 तक मैं अकेली ऐसी शख्स थी, जो योग के बारे में सार्वजनिक तौर पर बात किया करती थी। मैंने हजारों लोगों और योग शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया है, ये सभी लोग अब पूरे सऊदी के कई शहरों में और दूसरे अरब देशों में भी लोगों को योग सिखा रहे हैं। ये यहां के कई लोगों और सरकारी संस्थाओं के लिए नई बात है। मैंने साल 2006 में उनसे योग को मान्यता देने के लिए संपर्क किया था, लेकिन उस वक्त ये कारगर साबित नहीं हो सका था। इस आयोजन के बाद अब लोग सोशल मीडिया पर उन्हें खूब प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है।