गाजियाबाद: जल पुरुष राजेंद्र सिंह अध्यक्ष जल बिरादरी ने हिंडन के बदले स्वरूप को देखने और समझने के लिए NH 24 से राजनगर एक्सटेंशन मोरटी गांव तक यात्रा की। और करहेड़ा स्थित राहत कैंप में जिला अधिकारी तथा पीड़ितों से मुलाकात कर बाढ़ के कारणों को जांचा परखा। राजेंद्र सिंह  का मानना है कि नदी के बढ़े  जल के कारण बाढ़ के हालात पैदा नहीं हुए हैं बल्कि दशकों से चले आ रहे विकास के विनाशकारी मॉडल ने इन हालातों को पैदा किया है। गांव में पानी का बढ़ना यह दर्शाता है कि करहेड़ा पुल का डिजाइन ही गलत है जिसे वर्ष 2013 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश सरकार सिंचाई विभाग को डिजाइन में बदलाव करने के निर्देश दिए थे। जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह की बाढ़ भविष्य में आती रहेंगी इसके लिए नदियों को ध्यान में रखकर विकास के नए मॉडल बनाने चाहिए। हिंडन में आए अत्यधिक पानी के कारणों को जानने के लिए हिंडन जल बिरादरी गाज़ियाबाद का दल विक्रांत शर्मा, दीपेश चौधरी, हीरेंद्रकांत शर्मा, कृष्णपाल सिंह और भारत आर्य  जल्द सहारनपुर उदगम स्थल से लेकर गौतमबुधनगर यमुना में समागम तक की यात्रा करेंगे। इसके बाद राजेंद्र सिंह ने अपनी पुस्तक "जल स्वराज" का विमोचन किया। जिसमें जल के समुचित उपयोग और जल को कैसे सुरक्षित किया जाए उस पर प्रकाश डाला गया है।