झारखंड के हजारीबाग में इंसान और जानवर के प्रेम की मिसाल देखने को मिली। चौपारण के चैथी गांव में एक बछड़ा अपने मालिक की मौत पर इतना दुखी हुआ कि वह श्मशान तक पहुंच गया। बछड़ा जब श्मशान पहुंचा तो वह अर्थी के आस-पास घूमने लगा और जोर-जोर से रंभाने लगा। उसने मेवालाल का चेहरा देखने के लिए कफन हटाने की कोशिश भी की। गांववालों ने बछड़े का मालिक के लिए प्यार देखकर उसे मेवालाल का बेटा बताया। इसलिए उन्होंने मेवालाल का अंतिम संस्कार भी बछड़े से करवाया। वीडियो में वह चिता की परिक्रमा करता दिखाई दे रहा है। जब तक चिता जलती रही। बछड़ा वहां से हटा नहीं। उसकी आंखों से आंसू बहते रहे।

मरने वाला शख्स मेवालाल ठाकुर​​​​​​ की कोई औलाद नहीं थी। उन्होंने कुछ साल पहले एक बछड़ा पाला था। हालांकि तीन महीने पहले आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने बछड़े को पास के गांव पपोरा में बेच दिया था। बछड़े को मेवालाल की मौत की खबर कैसे लगी, यह समझ के बाहर है।