गोरखपुर । पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत भाजपा के सभी दिग्गज नेताओं के साथ नजर आने वाले केशव प्रसाद मौर्या को भाजपा सूबे में अपने पिछड़े नेता के तौर पर पेश करना चाहती है। स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद पिछड़ा विरोधी नैरेटिव की काट के लिए भाजपा उन्हें फ्रंट पर रख रही है। लेकिन अब सपा ने उन्हें घर में ही घेरने की तैयारी कर ली है। सपा गठबंधन की ओर से पिछड़े समाज से ही आने वालीं पल्लवी पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है। पल्लवी पटेल मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल की छोटी बहन हैं। पल्लवी की मां कृष्णा पटेल अपना दल कमेरावादी पार्टी की अध्यक्ष हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। सपा ने पल्लवी को केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ उतारकर पिछड़ा कार्ड चल दिया है। वह यहां के लिए बाहरी नेता नहीं हैं और केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार हो सकती हैं। इस तरह सपा ने उन्हें घर में ही घेरने की तैयारी कर ली है ताकि वह पूरे सूबे में ज्यादा समय न दे सकें। कौशांबी जिले की सिराथू सीट से केशव प्रसाद मौर्य की जीत को आसान माना जा रहा था, लेकिन सपा के दांव के बाद मुकाबला कठिन नजर आता है। सिराथू सीट से ही केशव प्रसाद मौर्य ने 2012 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि इसके बाद वह 2014 में फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। फिर 2017 में जब डिप्टी सीएम बने तो विधान परिषद में भेजा गया था। अब एक बार फिर से उन्होंने घर वापसी की है और सिराथू सीट से उतरे हैं। कौशांबी जिले में पिछड़े वर्ग के लोगों की अच्छी खासी संख्या है। केशव प्रसाद मौर्य के अलावा भाजपा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से लड़ाने का फैसला लिया है। यही नहीं ज्यादातर दिग्गज नेताओं को भाजपा ने चुनाव में उतारा है। दरअसल पटेल परिवार में विवाद हो गया था। इसके बाद कृष्णा पटेल ने बेटी अनुप्रिया पटेल से अलग होकर अपना दल कमेरावादी नाम से नई पार्टी का गठन किया था। इस पार्टी में कृष्णा पटेल और उनकी बेटी पल्लवी शामिल रही हैं। इसके अलावा अपना दल एस का नेतृत्व अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल के हाथों में हैं।