भारत-पाक सीमा पर 5 किलोमीटर के क्षेत्र में खनन के लिए अब सरकार को सेना से  NOC लेना होगा। भारतीय सेना और बीएसएफ ने इस संबंधी पंजाब सरकार को पत्र लिखा है। पत्र के बाद पंजाब सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया है। भारतीय सेना ने नए नियम को सरकार की खनन नीति की शर्तों में शामिल करने के लिए भी कहा है। पत्र के जरिये सेना ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर खनन गतिविधियों से रक्षा कार्य प्रभावित हो रहे हैं। 

सेना के इस निर्देश के बाद अगर यह नियम लागू होता है तो पंजाब सरकार के राजस्व को बड़ा झटका लगेगा। सरकार सीमांत जिलों में 16 खनन साइटों पर माइनिंग से जुड़ी गतिविधियां करवाती है। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद 28 अगस्त से खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है। 

सेना नेसरकार को पत्र लिखकर कहा है कि बॉर्डर पर खनन गतिविधियों से सेना के रक्षा कार्य प्रभावित हो रहे हैं। लिहाजा बॉर्डर के पांच किलोमीटर क्षेत्र में खनन के खास मामलों में ही सेना के एनओसी के बाद ही अनुमति मिलेगी। 

पंजाब में अवैध खनन को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से लंबित मामले में पंजाब के प्रधान सचिव (जल संसाधन, खनन और भूविज्ञान विभाग) कृष्ण कुमार को पत्र भेजा गया था। पश्चिमी कमान की ओर से 19 अक्तूबर 2022 को जारी पत्र में इस बात का हवाला दिया गया है।

पश्चिमी कमान के कर्नल, जनरल स्टाफ (ऑपरेशंस) अनिंद्य चटर्जी की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया कि पंजाब में सीमा पर पांच किमी के भीतर कोई भी खनन गतिविधि केवल एनओसी हासिल करने के बाद ही की जा सकती है। यह एनओसी किसी ऐसे अधिकारी के जरिये जारी होनी चाहिए जो भारतीय सेना के ब्रिगेडियर या सीमा सुरक्षा विशेष बल के समकक्ष अधिकारियों का रैंक रखता हो।