नई दिल्ली। मां और बच्चे का रिश्ता दुनिया में सबसे पावन होता है। कहते हैं कि मां अपने बच्चों की खुशियों के लिए कुछ भी कर सकती है। एक ऐसी ही मां और बेटे की कहानी आजकल हर किसी की जुंबा पर है। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में रहने वाले 26 वर्षीय जिमी अंतरम बचपन से ही देख नहीं सकते, लेकिन उनकी मां उन्हें अपनी पीठ पर बैठाकर दुनिया दिखा रही हैं।

खुद की आंखों से दुनिया दिखा रहीं
जिमी की मां निकी अंतरम जब 17 वर्ष की थीं, तब ही वो मां बन गई थीं। उन्हें जब इस बात का पता चला कि उनका बेटा देख नहीं सकता तो उन्होंने खुद से एक वादा किया था। उन्होंने वादा किया था कि वो अपने बेटे को वर्ल्ड टूर करवाएंगी और खुद की आंखों से उसे यह दुनिया दिखाएंगी।

पीठ पर बैठाकर करवाती हैं यात्राएं
निकी की उम्र 43 वर्ष है। इस उम्र में भी वो अपने 26 वर्षीय बेटे को अपनी पीठ पर बैठा लेती हैं। हालांकि जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती जा रही है, यह काम बेहद थका देने वाला होता जा रहा है, लेकिन यह मां खुद से किया वादा नहीं भूली है और उसे शिद्दत से निभा रही है।

कई देश देख चुके हैं
निकी और जिमी अब तक कई देशों की यात्राएं कर चुके हैं। वो ऑस्ट्रेलिया के अलावा हवाई और बाली भी देख चुके हैं। इतना ही नहीं, अब वो जल्द ही कनाडा जाने की प्लानिंग कर रहे हैं। व्हीलचेयर नहीं बल्कि अपनी पीठ पर लेकर जाती निकी की मानें तो अंधे होने के साथ-साथ उनके बेटे को कई शारीरिक दिक्कतें भी हैं। 24 घंटे उसे देखभाल की जरूरत पड़ती रहती है। जिमी अपनी मां साथ ही रहना पसंद करता है। उनके पास व्हीलचेयर है लेकिन वह उन्हें पीठ पर बैठाना ही पसंद करती हैं।

लोग करने लगे हैं जिमी से प्यार
निकी ने बताया कि अब धीरे-धीरे काफी लोग जिमी को पहचानने लगे हैं। उनका एक इंस्टा पेज भी है, जिसमें निकी तस्वीरें पोस्ट करती रहती हैं। लोगों ने उन्हें प्यार दिया है। वो बताती हैं कि जब जिमी दो महीने का था, तब पता चला था कि वो देख नहीं सकता। जिमी की दादी ने उसे देखा कि वह खिलौनों तक नहीं पहुंच पा रहा है तो उन्हें इस बात का पता चला।

खुद को भी रखती हैं फिट
निकी खुद को भी काफी फिट रखती हैं। उन्हें स्विमिंग करने का और वर्कआउट करने का काफी शौक है। वो जिमी के साथ तस्वीरें पोस्ट करती हैं। फिटनेस को लेकर भी वो तस्वीरें शेयर करती रहती हैं। वो हैंडस्टैंड भी कर लेती हैं और उन्हें डीप सी डाइव भी काफी पसंद है।

मिर्गी के दौरे भी पड़ते थे
निकी को छह महीनों बाद पता चला था कि जिमी को मिर्गी भी है। कई वर्षों तक इसका इलाज चला। वो बताती हैं कि जिमी ही उनकी प्रेरणा हैं, वो हमेशा खुश रहता है, मुस्कुराता है, वो भले ही देख ना पाता हो लेकिन दिल की आंखों से वो दुनिया को खूबसूरत नजर से देखता है।