क्या आपने कभी कुंग फू नन्स का नाम सुना है? इनके रोचक इतिहास को जानना बेहद खास एक्सपीरियंस हो सकता है।   

कई बार हमारे सामने कुछ ऐसे लोग आ जाते हैं जिन्हें देखकर मन खुश हो जाता है। ये लोग अपने जोश और जज्बे से दुनिया बदलने की ताकत रखते हैं। हाल ही में दिल्ली हाई कमीशन फॉर वुमन ने कुंग फू नन्स को एक अवॉर्ड दिया था। ये अवॉर्ड उन महिलाओं को दिया जाता है जो महिला सशक्तिकरण की फील्ड में असाधारण उपलब्धि हासिल की है। 

 पुराने बौद्ध ट्रेडिशन को मानने वाली द्रुपका वंश की वंशज हैं कुंग फू नन्स। ये वंश हिमालय में ही शुरू हुआ था और इसकी ऐतिहासिक कथा कहती है कि कुंग फू नन्स के संस्थापक ग्याल वांग द्रुपका ने आसमान में 9 ड्रैगन्स की एक फाइट देखी। इस ट्रेडिशन की स्थापना का मुख्य कारण था कि लिंग भेद को हटाया जा सके और फिजिकल फिटनेस के साथ जीवन यापन का प्राकृतिक तरीका बताया जा सके और सभी जीव-जंतुओं का आदर किया जा सके।  कुंग फू नन्स सेल्फ डिफेंस के मामले में बहुत ही स्ट्रॉन्ग हैं और वो अपनी अंदरूनी और शारीरिक ताकत को बढ़ाने में एड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं।