नई दिल्ली। केदार प्रसाद महतो ने गांव को ऐसा रोशन किया कि लोगों ने उन्हें पावर मैन का खिताब दे दिया। उनकी मानें तो मैं झारखंड में रामगढ़ के बयांग गांव का निवासी हूं। उनकी मानें तो बचपन से ही मैं जुगाड़ करके कुछ न कुछ बनाता रहता था। स्कूल में पढ़ते समय भी मेरा दिमाग जुगाड़ करके विभिन्न चीजें बनाने में ही लगा रहता था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मैं 12वीं से आगे नहीं पढ़ सका। बारहवीं के बाद मैं वायरिंग और बिजली का काम करने लगा, लेकिन मेरा सपना हमेशा से गांव के लिए कुछ नया करने का था। गांव में बिजली कटौती की समस्या बहुत रहती थी। वर्ष 2004 में स्कूली शिक्षा के दौरान ही मैंने बिजली पैदा करने का प्रयास शुरू कर दिया था। उस समय मैंने नदी के पानी से 12 वोल्ट बिजली पैदा करने में सफलता प्राप्त की थी। मैंने साइकिल के पैडल के सहारे भी बिजली उत्पादन किया और फिर 2014 में हवा के सहारे बिजली पैदा करने में सफल रहा। उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और इस दिशा में लगातार प्रयास करता रहा। अठारह वर्ष के कठिन परिश्रम के बाद मैं पानी से पांच किलोवाट बिजली बनाने में कामयाब हुआ।

मेहनत रंग लाई 
एक बार बिजली बनाने में मिली सफलता ने मेरा हौसला बढ़ा दिया। मैंने अपने गांव से एक किलोमीटर दूर सेनेगढ़ा नदी पर पहला प्रयोग किया। नदी के बीच में मैंने एक कंकरीट का स्तंभ बनाकर आर्मेचर, चुंबक, कुंडल और अन्य भागों के साथ एक टरबाइन लगाया। इस टरबाइन में एक बार में 100 वाट के 40-45 बल्बों को रोशन करने की क्षमता है। मैंने इस पावर प्लांट के लिए टरबाइन, डायनेमो और जनरेटर भी खुद ही बनाया है। 

पावर मैन का खिताब जीता
इस पूरे सेटअप को तैयार करने में करीब तीन लाख रुपये का खर्च आया, जिसमें कुछ मदद मेरे दोस्तों ने की। मेरी इस सफलता के कारण मुझे गांव के लोगों से ‘पावर मैन’ का खिताब मिला है। मेरे घर का खर्च पारिवारिक खेती से ही चल रहा है। पूरे गांव में बिजली आपूर्ति के लिए 300 किलोवाट बिजली का उत्पादन करना होगा, जिसमें तीस से पैंतीस लाख रुपये खर्च होंगे। यदि सरकार सहयोग करे, तो मैं ऐसा कर सकता हूं। 

और भी संभावना
आज हर जगह टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों के बारे में बात हो रही है, इसलिए इस दिशा में मैंने अपने जीवन के 18 साल समर्पित करके इस परियोजना के जरिये एक शुरुआत की है। इलाके की दूसरी समतल नदियों में भी अगर ऐसा प्रयोग किया जाए, तो हम कई गांवों को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बना सकते हैं।