नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के रहने वाले केदार सैनी सब्जियों, फलों व जड़ी-बूटियों आदि के देसी बीज इकट्ठा कर उन्हें जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में बांटने का काम कर रहे हैं। वर्ष 2013 से अब तक वह 15 से अधिक राज्यों में हजारों लोगों को देसी बीज बांट चुके हैं। साथ ही वह पौधरोपण का काम भी करते हैं। वह मध्य प्रदेश के गुना जिले के रुठियाई गांव के रहने वाले हैं। केदार की मानें तो वह एक गरीब किसान परिवार से होने के कारण शुरू से ही खेती में पिता का हाथ बंटाते थे। हमारे पास सिर्फ चार बीघे जमीन थी, इसलिए हम दूसरों के खेत भी बंटाई पर लेकर खेती करते थे। साथ ही मैं समय निकालकर अपनी पढ़ाई भी करता था। जब मैं सातवीं-आठवीं में पढ़ता था, तब बारिश के समय मैं और मेरे दोस्त एक-एक रुपये में देसी बीज के पैकेट बनाकर स्थानीय बाजारों में बेचते थे। इससे मैं अपनी पढ़ाई के लिए कुछ पैसे बचा लेता था। धीरे-धीरे पारंपरिक खेती व बागवानी में मेरी रुचि बढ़ती गई और कुछ ही वर्षों में मैंने फलों, सब्जियों और औषधियों के सैकड़ों देसी बीज इकट्ठा कर लिए। साथ ही अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए हिंदी में परास्नातक किया। ज्यादा फायदे के चक्कर में लोगों का रुझान हाईब्रिड बीजों की ओर बढ़ता देख मैंने इन देसी बीजों को सहेजने और लोगों को बांटने का फैसला किया, क्योंकि हाईब्रिड बीज हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।   

बीज बांटने की मुहिम शुरू की है
वर्ष 2013 से देसी बीज जमा करके मैं उसे देश भर में जरूरमंद लोगों को मुफ्त में बांट रहा हूं। हालांकि कोरोना महामारी के बाद से मैंने सिर्फ डाक शुल्क लेना शुरू किया है। अब तक मैं देश के 17 राज्यों के हजारों लोगों तक विभिन्न तरह के देसी बीज पहुंचा चुका हूं। यह काम मैं पैसों के लिए नहीं, बल्कि इसलिए करता हूं, ताकि देसी किस्म के ये बीज सालों साल सुरक्षित रहें और हमारी आने वाली पीढ़ी भी इनका लाभ उठा सकें। 

पर्यावरण के प्रति लगाव से पौधरोपण का काम शुरू किया
पर्यावरण के प्रति लगाव के कारण ही मुझे जिले में पेड़-पौधों के रखरखाव का काम मिला। समय के साथ-साथ मुझे अलग-अलग जगहों पर काम मिलता गया और आज मैं सरकार की कई योजनाओं के अंतर्गत पौधे लगाता हूं। इसके अलावा मैं अपने स्तर पर भी जगह-जगह जाकर पौधरोपण का काम करता हूं। 

पर्यावरण संरक्षण अभियान
मैं 'समृद्धि पर्यावरण संरक्षण अभियान' नामक एक मिशन चला रहा हूं, जिसके अंतर्गत मैं लोगों को ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के लिए प्रेरित करता हूं। सोशल मीडिया के जरिये भी मैं लोगों को जोड़ता हूं, ताकि पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके और देसी बीजों के लिए अधिक से अधिक लोग मुझसे संपर्क कर सकें। मेरे पास बैंगन, गेहूं सहित करीब 140 तरह के हजारों की संख्या में देसी बीज उपलब्ध हैं।