वाशिंगटन । मेटा सीईओ और फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं जिन्हें लेकर पूरे अमेरिका में अलग ही बहस छिड़ गई है। इसके बाद दावा किया जा रहा हैं कि नवंबर को तयशुदा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए डोनाल्ड ट्रंप इन दावों को हैरिस के खिलाफ बतौर हथियार इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल जकरबर्ग ने आरोप लगाया है कि बाइडन और हैरिस के नेतृत्व में चल रही सरकार की ओर से कोविड से जुड़ी पोस्ट को सेंसर करने के लिए मेटा की टीमों पर ‘बार-बार दबाव डाला’ गया था। 
जकरबर्ग ने कहा कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ बदलाव करने  ही पड़े। जकरबर्ग ने कहा कि उन्हें इस बारे में आउटस्पोकन न होने यानी और अधिक मुखर न होने का अफसोस है। उन्होंने कहा कि साल 2021 में वाइट हाउस सहित बाइडन प्रशासन के सीनियर अधिकारियों ने ह्यूमर और सैटायर सहित कुछ कोरोना से जुड़े मटीरियल को सेंसर करने के लिए हम पर महीनों तक दबाव डाला और जब हम सहमत नहीं हुए तब हमारी टीमों से बहुत फ्रस्ट्रेट हुए। इस पत्र में जकरबर्ग लिखते हैं कि आखिरकार यह हमारा निर्णय था कि हमें मटीरियल हटाना है या नहीं… मेरा मानना ​​है कि सरकारी दबाव गलत था, और मुझे खेद है कि हम इसके बारे में अधिक मुखर नहीं थे.. मुझे यह भी लगता है कि हमने कुछ इसतरह के ऑप्शन चुने जो कि पीछे मुड़कर देखने…पर लगात है कि… हम आज नहीं चुनते। 
बता दें कि 10 सितंबर को ट्रंप और कमला हैरिस के बीच सबसे महत्वपूर्ण, सबसे बड़ी और आखिरी प्रेजिडेंशल डिबेट होनी है।इस लेकर जहां कुछ जानकार कह रहे हैं कि कमला हैरिस का पलड़ा भारी है। वहीं ट्रंप ने ओपन माइक के मसले पर कहा है कि वे पूरी जिन्दगी इसी बहस के लिए तैयारी में नहीं लगा सकते हैं।