झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन रविवार को दिल्ली पहुंचे थे। इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। वहीं एक सोशल मीडिया पोस्ट में चंपई सोरेन ने कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में कड़वे अपमान का अनुभव किया है। झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की चर्चा के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जवाब दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा में शामिल होने के संबंध में चंपई सोरेन से अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। चंपई मंझे हुए राजनेता हैं और वे अपना रास्ता खुद तय करेंगे। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि चंपई सोरेन से अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। वह एक अनुभवी राजनेता हैं और अलग झारखंड आंदोलन का हिस्सा रहे हैं। जिस तरह उन्हें सीएम पद से हटाया गया है। इससे वह आहत हैं और अपमानित महसूस कर रहे हैं। अगर चंपई सोरेन जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ेंगे तो इसका असर पार्टी पर पड़ेगा। भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त करती है के सीएम हेमंत सोरेन के आरोप के जवाब में मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन कह रहे हैं कि उनके विधायक बिकाऊ हैं। अगर आप सभी विधायकों को वह बिकाऊ कहेंगे, तो कौन बेचेगा? मरांडी ने कहा कि मैं आपके साथ रहना चाहता हूं। अगर कोई विधायक अपना दुख व्यक्त करता है, तो आपको उसकी बात सुननी चाहिए। झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शैदेव ने कहा कि अगर चंपई सोरेन बीजेपी में शामिल होने की इच्छा जाहिर करते हैं तो पार्टी नेतृत्व फैसला लेगा। शदेव ने कहा कि चंपई सोरेन एक बड़े नेता हैं और उन्होंने हेमंत सोरेन की भ्रष्ट पार्टी की छवि बदलने की कोशिश की। हम व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करते हैं। झामुमो के वरिष्ठ नेता और मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि चंपई सोरेन पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और अगर कोई मुद्दा है तो उसे सुलझा लिया जाएगा। दरअसल झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन रविवार को दिल्ली पहुंचे थे। इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। वहीं एक सोशल मीडिया पोस्ट में चंपई सोरेन ने कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में कड़वे अपमान का अनुभव किया। ऐसे में उन्हें वैकल्पिक रास्ता तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ा। चंपई ने पोस्ट में कहा था कि पार्टी विधायकों की बैठक के दौरान उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। इससे उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची। चंपई सोरेन ने कहा था कि उनके पास तीन विकल्प हैं। पहला राजनीति से संन्यास लेना, दूसरा अलग संगठन बनाना और तीसरा अगर कोई सहयोगी मिल जाए तो उसे साथ लेकर आगे बढ़ना। आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं।