आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अमृतसर में कहा कि पंजाब में हमारी सरकार बनने के बाद पंजाब सरकार के किसी भी दफ्तर में मुख्यमंत्री या किसी भी नेता की तस्वीर नहीं लगाई जाएगी। दफ्तरों में सिर्फ बाबा साहब आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीर लगाई जाएगी। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को जालंधर में कहा था कि धर्म एक निजी मामला है। भगवान की पूजा करने का अधिकार सभी को है। धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून जरूर बनना चाहिए लेकिन इसके जरिए किसी को गलत तरीके से प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए। उन्हें डराकर किया गया धर्मांतरण गलत है। प्रचार के दौरान केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में उद्योगपतियों को बीजेपी का वोट बैंक माना जाता था। मैं खुद बनिया हूं लेकिन दिल्ली के बनिया ने मुझे कभी वोट नहीं दिया। मेरे दिल जीतने के बाद उन्होंने वोट देना शुरू किया। हमें 5 साल दीजिए, हम आपका भी दिल जीत लेंगे। 

अरविंद केजरीवाल ने प्रो. दविंदर सिंह भुल्लर की रिहाई के प्रस्ताव को खारिज करने के मामला ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ते हुए कहा है कि इस मामले में अकाली दल गंदी राजनीति कर रहा है। जिसकी वह कड़ी निंदा करते हैं। दिल्ली में लॉ एंड आर्डर और पुलिस दिल्ली सरकार के अधीन नहीं है। यह केंद्र के अधीन है। सजा कम करने, सजा माफ करने अथवा रिहाई के मसले को लेकर सेंटेंस रिव्यू बोर्ड एसआरबी की कमेटी की फैसला लेती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने गृह सचिव को फोन पर यह कहा है कि इस कमेटी की तत्काल बैठक कराई जाए जिसमें जज भी होते हैं, पुलिस ऑफिसर भी होते हैं, और सचिव स्तर के अधिकारी भी होते हैं। कमेटी का जो भी फैसला होगा उसे तत्काल लेफ्टिनेंट गवर्नर के सामने रखा जाएगा और वह इस फाइल के ऊपर फैसला देंगे।