पिछले साल एक अक्टूबर को ली गई सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न-पत्र पटना से ही लीक हुआ था। इस पूरे पेपर लीक का सरगना संजीव मुखिया का बेटा डॉ. शिव उर्फ बिट्टू है, जिसने अपने साथियों की मदद से परीक्षा के चार दिन पहले ही ट्रांसपोर्ट के दौरान प्रश्न-पत्र हासिल कर लिया था।

पूरे मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने इस मामले में धारा 420, 467, 468, 120 बी एवं आईटी एक्ट के तहत अपनी चार्जशीट गुरुवार को दाखिल कर दी है।

पटना से मोतिहारी लाए जा रहे थे प्रश्न पत्र

ईओयू के अनुसार, सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न-पत्र परीक्षा से चार दिन पहले पटना से मोतिहारी ले जाया जा रहा था। पटना के वेयरहाउस में प्रश्न-पत्र लोड होने के बाद गाड़ी लगभग छह घंटे से ज्यादा समय तक पटना में ही रुकी थी।

जहां संजीव मुखिया गिरोह के सदस्यों ने जेनिथ लॉजिस्टिक एंड एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के मुंशी और राहुल पासवान के साथ आपराधिक षड्यंत्र के तहत नौकरी एवं पैसे का प्रलोभन देकर गाड़ी के बक्सों एवं इनवेलप को खोलकर प्रश्न-पत्र प्राप्त कर लिया।

इसके बाद प्रश्न-पत्रों को साल्व कर अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उत्तर कुंजी उपलब्ध  करा दी गई। यही उत्तर कुंजियां परीक्षा के दिन विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल थी।

पेपर लीक में शामिल मुंशी स्वयं भी थे अभ्यर्थी

ईओयू के अनुसार, सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न-पत्र की प्रिंटिंग एवं पैकिंग का काम जिस कंपनी को दिया गया था उसका पंजीकृत कार्याल्य मात्र एक कमरे में चल रहा था। कंपनी के द्वारा प्रश्न-पत्रों की छपाई का काम अवैध रूप से किसी अन्य कंपनी से कराया गया था।

जांच में यह भी जानकारी मिली है कि प्रश्न-पत्रों की ढुलाई करने वाली गाडि़यां जिला कोषागारों में जाने के दौरान जगह-जगह रुकते हुए पहुंची थीं। पटना के वेयर हाउस से जिन लाजिस्टिक कंपनियों के गाडि़यों से प्रश्न-पत्र मोतिहारी भेजा गया था, उन दोनों कंपनियों के मुंशी स्वयं भी सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी थे।

संजीव मुखिया ने कोलकाता में रेकी कर ली जानकारी

ईओयू के अनुसार, परीक्षा के प्रश्न-पत्र की प्रिंटिंग करने वाली एजेंसी की रेकी करने के उद्देश्य से संजीव मुखिया अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ कोलकाता में दस दिन पूर्व से ही रुका था।

यहीं से उसने प्रिंटिंग प्रेस, प्रश्न-पत्र की पैकिंग मेटेरियल, लाक आदि सप्लाई करने वाली कंपनी और प्रश्न-पत्रों के परिवहन करने वाली कंपनियों की जानकारी हासिल की थी। मालूम हो कि पेपर लीक के बाद एक अक्टूबर को ली गई दोनों पालियों की परीक्षा रद कर दी गई थी।