गुरुग्राम। चिंटेल्स पैराडाइसो सोसाइटी के A,B और C टावर के लोगों की रविवार को बैठक हुई। इसमें लोगों ने कहा कि वह सीबीआरआई की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि प्रशासन सी टावर का थर्ड पार्टी संरचनात्मक ऑडिट कराए और इसके बाद कोई कदम उठाए। लोग जल्द ही जिला प्रशासन से मुलाकात करेंगे। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्दबाजी में फ्लैट खाली करने का आदेश दिया तो पुरजोर विरोध करेंगे।

  सोसाइटी में A,B और C टावर के निवासियों की बैठक में हाल में सीबीआरआई द्वारा सी टावर को लेकर जारी रिपोर्ट पर चर्चा की गई। सीबीआरआई की रिपोर्ट में सी टावर को रहने के लिए अयोग्य बताया गया है। लोगों का कहना है कि देखने में टावर में ऐसी कमी नहीं है। उनका कहना है कि पिछले साल IIT DELHI ने सी टावर को ठीक बताया था। सीबीआरआई ने A,B और C टावर की जांच की थी। उनका कहना है कि अंत में C टावर की जांच हुई थी। उनका कहना है कि  A और  B टावर की रिपोर्ट नहीं आई है। इससे पहले सी टावर की रिपोर्ट जारी कर दी गई। लोगों ने रिपोर्ट पर आशंका जताई है। उनका कहना है कि इसका थर्ड पार्टी मूल्यांकन होना चाहिए। स्थानीय लोग ने कहा कि जिला प्रशासन को भी सी टावर का मौका मुआयना करना चाहिए। उनका कहना है कि फ्लैटों को असुरक्षित बताकर खाली करने के लिए प्रशासन को आदेश जारी नहीं करना चाहिए। उनका कहना है कि पहले जो टावर असुरक्षित घोषित हो चुके हैं, उन लोगों को किराया दिया जाए और एक तय समय में फ्लैट का निर्माण कराया जाए।

  चिंटेल्स पैराडाइसो सोसाइटी के आरडब्ल्यूए प्रधान राकेश हुड्डा ने बताया कि  A,B और C टावर के लोगों की बैठक हुई है। उनका कहना है कि लोग सीबीआरआई की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं। C टावर के फ्लैट मालिक अगले सप्ताह अतिरिक्त उपायुक्त और उपायुक्त से मिलेंगे और अपनी चिंताओं को साझा करेंगे। बैठक में ऑनलाइन समेत 90 लोग शामिल हुए। उनका कहना है कि प्रशासन को लोगों की मांग पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि असुरक्षित टावरों में  D,E,F,G और H को तोड़ा जा रहा है। वहीं, J टावर को तोड़ने से पहले लोगों को फ्लैट खाली करने के लिए प्रशासन ने आदेश जारी किया हुआ है। J टावर के लोगों का कहना है कि उन्हें शिफ्ट करने के लिए 40 हजार रुपये और छह माह का किराया मिले। J टावर में रह रहे आठ फ्लैट के लोगों ने अभी फ्लैट खाली नहीं किया है।