गोल्ड इंपोर्ट सालभर पहले के मुकाबले 9 प्रतिशत घट गया, वहीं जेम्स एंड जूलरी एक्सपोर्ट में भी करीब साढ़े 7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। इंटरनैशनल मार्केट में गोल्ड के ऊंचे दाम और विदेशी खरीदारों के बीच जूलरी की कमजोर डिमांड का असर सोने के आयात और जेम्स एंड जूलरी एक्सपोर्ट पर पड़ रहा है। कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक सोने का आयात सालभर पहले के 1 लाख 8 हजार 45 करोड़ रुपये से 2.8% घटकर 1 लाख 5 हजार 519 करोड़ रुपये पर रहा।

  GJEPC के चेयरमैन विपुल शाह ने कहा, ‘जियोपॉलिटिकल टेंशन के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने का भाव ज्यादा है। दूसरी ओर, पश्चिमी देशों में जूलरी की डिमांड कमजोर बनी हुई है। इन दोनों वजहों का असर गोल्ड इंपोर्ट और जेम्स एंड जूलरी एक्सपोर्ट पर दिख रहा है।’ हालांकि उन्होंने कहा कि बजट में गोल्ड इंपोर्ट पर ड्यूटी घटाकर 6% किए जाने और आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए सोने की डिमांड बढ़ सकती है।

  भारत दुनिया में चीन के बाद सोने की सबसे अधिक खपत वाला देश है। WGC के मुताबिक, साल 2023 में भारत में करीब 761 टन गोल्ड डिमांड रही और 2024 में यह 750 टन से कुछ अधिक रह सकती है। साल 2023 में सोने का भाव 65000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार गया था। अभी 2024 में भाव 73000 रुपये के आसपास बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड 2512 डॉलर प्रति औंस के करीब है। अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने सितंबर में इंटरेस्ट रेट में कमी की, तो गोल्ड का भाव और चढ़ सकता है।