बिहार थाना क्षेत्र के दखिनगांव में एक नहर से शुक्रवार को पचीस वर्षीय एक युवक का क्षत-विक्षत शव पुलिस ने बरामद किया है। शव पानी में डूबा हुआ था जिसे देख ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी थी। स्थल पर पुलिस बल पहुंचकर शव को जैसे ही अपने अधीन लेकर पहचान करने का प्रयास करने लगी कि उसके स्वजन और ग्रामीणों की भीड़ भी स्थल पर पहुंच गए। उसकी पहचान दखिनगांव दलित टोला निवासी स्व. रामचंद्र मांझी के पुत्र मनोज मांझी के रूप में की गई। युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त था, जो बीते दस दिन पहले से घर से लापता था। वह अपने घर के आसपास ही एक कबाड़ी की दुकान में काम करता था। स्वजनों का आरोप था कि कबाड़ी दुकानदार हत्या कर शव को छुपाने के लिए नहर में डाल दिया है। उसके लापता होने की सूचना पहले ही पुलिस को दी गई थी, जिसके गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस खोजबीन में जुटी थी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा था।

घटना से आक्रोशित स्वजन एवं ग्रामीण शव को वजीरगंज बस स्टैंड में मुख्य सड़क पर रखकर आंदोलन करने लगे तथा आरोपी दुकानदार पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर अविलंब गिरफ्तारी एवं मृतक के आश्रित को पांच लाख रुपए मुआवजा देने की मांग करने लगे। वे सभी काफी आक्रोशित थे, जो सड़क पर काफी उपद्रव मचाते हुए आगजनी एवं राहगीरों के साथ मारपीट भी कर रहे थे। इसके आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन से प्रभावित होकर वजीरगंज के रास्ते गया, नवादा, फतेहपुर, तपोवन सभी रूटों पर करीब चार घंटे तक आवागमन बाधित रहा। आंदोलन स्थल पर प्रखंड विकास पदाधिकारी रवि शंकर कुमार एवं थाना अध्यक्ष राम एकबाल प्रसाद ने समझा-बुझाकर सभी को सड़क से हटाए तथा शव को अपने अधीनस्थ लेकर पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कालेज भेजा गया।

बीडीओ ने बताया कि तत्काल सहायता के लिए पारिवारिक लाभ योजना की राशि आश्रित के खाते में डीवीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी तथा विशेष सहयोग हेतु नियमानुसार अनुमोदन किया जाएगा। थानाध्यक्ष ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद प्राथमिकी संबंधी आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।