गाजियाबाद। भीषण गर्मी हो रही है और गाजियाबाद जिले में पानी का भारी संकट बना हुआ है। नगर निगम और उसके अधिकारी दिन-रात इस समस्या को दूर करने में लगे हुए हैं, लेकिन जल निगम के कारण लोगों को इस समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। यह कहना है कि गाजियाबाद की महापौर सुनीता दयाल का।

वह कहती हैं कि नगर निगम की ओर से शहरवासियों को जलापूर्ति करना मूल सुविधाओं में से एक है। गाजियाबाद नगर निगम के अथक प्रयासों से हर क्षेत्र में जलापूर्ति की व्यवस्था भी की जा रही है। हमारे नगर आयुक्त एवं अन्य अधिकारी इतनी गर्मी में भी सड़कों पर उतरकर कार्य कर रहे हैं ताहि शहर में जल संकट न हो लेकिन नगर निगम के सामने बहुत बड़ी परेशानी है जल निगम। शहर में जलापूर्ति की सभी जिम्मेदारी शासन द्वारा जल निगम को दी जाती है, लेकिन इतनी बड़ी जिम्मेदारी पर जल निगम खरा नहीं उतर रहा है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में (जैसे वार्ड-7 बिहारीपुरा, वार्ड-35 अकबरपुर बेहरामपुर, वार्ड-27 सेन विहार, वार्ड-2 राहुल विहार, के ब्लॉक विजय नगर आदि) आज भी जलापूर्ति का कार्य जल निगम देख रहा है। वह यहां न तो अपने जिम्मेदारी ठीक से  निभा पा रहा है और न ही नगर निगम को इसे हैंडओवर कर रहा है। हालांकि जो योजनाए हैंडओवर की गई हैं, उनमें बहुत बड़े पैमाने पर लापरवाही है, जिसको नगर निगम झेल रहा है, जैसे कि सिहानी गांव में अभी टंकी की सप्लाई को शुरू करना और ऐसी अभी बहुत से कार्य हैं, जिसमें जल निगम ने लापरवाही की है और झेलना नगर निगम को पड़ेगा।

जल निगम की लापरवाही से बनी हुई है पेयजल की समस्या
जल निगम द्वारा किए गए कार्य मे अत्यधिक खामियां हैं, जैसे कहीं पंप नहीं चल रहे, कहीं उनमें झाड़ खड़े हैं, कहीं टंकी बनाई गई है, पानी की लाइन बिछाई गई है लेकिन सप्लाई नहीं की जा रही है और जहां पानी की लाइन है, वहां बहुत लीकेज हैं। यह योजना पूर्ण कर नगर निगम को हैंडओवर भी नहीं की जा रही है, जिससे जल निगम के कारण ही शहरवासियों को जल संकट झेलना पड़ रहा है।

जल निगम के खिलाफ किया जाएगा शासन से पत्राचार
इन सभी योजनाओं पर महापौर ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया था, जिसमें जल निगम की घोर लापरवाही सामने आई थी। जिसको लेकर जल निगम अधिकारियों के साथ बैठक भी की गई थी। जिसके परिणाम नहीं आए लेकिन अब जल निगम के खिलाफ अधूरी योजनाओं और बन्द योजनाओं के खिलाफ शासन में पत्राचार किया जाएगा।