भोपाल। असम के हरे-भरे गांव बारगांप में एक महिला का नाम हर किसी की जुबान पर है, वह नाम है चंदना राभा। उनकी कहानी किसी प्रेरणादायक फिल्म की पटकथा से कम नहीं है। एक साधारण गांव की महिला, जिसने अपने असाधारण साहस और अडिग समर्पण से न केवल अपने परिवार को संभाला, बल्कि पूरे गांव के लिए एक मिसाल बन गईं। चंदना का जीवन संघर्षों और विजय की एक अद्भुत कहानी है। चंदना ने अपने दृढ़ निश्चय और मेहनत से असम के छोटे से गांव में बैंकिंग की रोशनी फैलाई।

पति के निधन के बाद भी रखा काम शुरू 
चंदना ने 2015 में एसबीआई की वित्तीय समावेशन पहल के तहत अपने गांव में सीएसपी केंद्र की स्थापना की। उनके समर्पण और साहस ने उन्हें अपने लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। अपने पति की गंभीर बीमारी और फिर उनके निधन जैसी व्यक्तिगत त्रासदियों के बावजूद, चंदना ने अपने कर्तव्यों से मुंह नहीं मोड़ा। बीएलएस ई-सर्विसेज की मदद से, उन्होंने अपने केंद्र को संचालित रखा और अपने ग्राहकों की सेवा में कोई कमी नहीं आने दी।

बुजुर्गों को बैंकिंग सेवाओं का लाभ दिलवाने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
चंदना ने 3,699 से अधिक ग्रामीणों को सीएसपी मॉडल में एनरोल कराया है। उन्होंने न केवल खाते खोले, बल्कि विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने में भी मदद की। विशेष रूप से, उन्होंने समाज के बुजुर्गों और सीमांत समूहों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका प्रयास था कि गांव के हर व्यक्ति को बैंकिंग सेवाओं का फायदा मिले।

ईमानदारी और करुणा से बनी है पहचान 
उनकी ईमानदारी और करुणा ने उन्हें अपने समुदाय में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया है। उन्होंने 44 से अधिक ग्राहकों के रिटायरमेंट बचत खाते खोले हैं। यह उनके मेहनत और समर्पण का परिणाम है। चंदना का मानना है कि सच्ची सेवा और करुणा से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है। उनके प्रयासों ने न केवल लोगों को वित्तीय सशक्तिकरण का मार्ग दिखाया है, बल्कि उनके साहस और समर्पण ने एक मिसाल पेश की है।

बीसी सखी कार्यक्रम में पेश की नेतृत्व की मिसाल
बीसी सखी कार्यक्रम के तहत, चंदना को एसबीआई की वित्तीय समावेशन पहल करने का बड़ा श्रेय जाता है। व्यक्तिगत दुखों के बावजूद, उन्होंने अपने समर्पण और कर्मठता से लोगों की सेवा की। चंदना की कहानी, हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयों में भी हमें अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटना चाहिए। उनकी असाधारण सेवा ने असम के बारगांव में वित्तीय समावेशन की रोशनी फैलाई है और हमें सिखाया है कि सच्ची करुणा और दृढ़ता से हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।