कौन कहता है कि सपने किसी उम्र के मोहताज होते हैं। अगर व्यक्ति ठान ले तो किसी भी कठिन सपने को पूरा करने और किसी भी काम को आसान बनाने की कोई उम्र नहीं होती है।  जी हां हमारे सामने न जाने कितने ऐसे उदाहरण आते हैं जिनमें लोग किसी भी उम्र में अपने सपनों को पंख देककर उन्हें आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा देते हैं। एक ऐसा ही उदाहरण सामने आया जब 77 साल की उम्र में एक महिला ने अपने पैशन यानी के स्वेटर बुनाई को अपने बिजनेस में बदला।

 जी हां, हम बात कर रहे हैं 77 साल की दादी शीला बजाज की। दरअसल उन्हें शुरुआत से ही स्वेटर बुनने का शौक था और वो एक स्वतंत्र महिला बनना चाहती थीं लेकिन घर के काम में उलझकर कभी बिजनेस के बारे में नहीं सोच पाईं । लेकिन उनकी पोती ने जब उनके हुनर को पहचाना तो उनके बने स्वेटर को बाजार में बेचा जिससे उन्हें 2 हजार रूपए की कमाई भी हुई और उनका बिजनेस का सपना पूरा हुआ। आइए जानें कौन हैं ये दादी और क्या है इनकी कहानी। 

दादी को मिला पोती का साथ 

दरअसल शीला बजाज को हमेशा से ही एक स्वतंत्र महिला बनने का शौक था लेकिन कभी परिवार की जिम्मेदारियों ने तो कभी कुछ परिस्थितियों ने उनका साथ नहीं दिया और वो एक ग्रहणी की ही तरह काम काम करती रहीं। वो हमेशा से स्वेटर की बुनाई करती थीं और काफी अच्छी डिज़ाइन के स्वेटर बुनती थीं। ऐसे में उनकी पोती युक्ति बेजान ने उनके इस हुनर को पहचाना और अपनी दादी को स्वेटर बुनकर उसे बेचने की सलाह दी। एक मीडिया इंटरव्यू में युक्ति बताती हैं कि उन्होंने बहुत कम उम्र में ही अपने पिता की खो दिया था और दादी ने उनका हमेशा से साथ दिया और प्रेरणा बनीं। लेकिन जब युक्ति ऑफिस जाती थीं ऐसे में दादी घर पर अकेली रहती थीं। जब युक्ति ने लॉकडाउन के कारण घर पर रहना शुरू किया, तो उन्हें एहसास हुआ कि दादी बुनाई में माहिर है। इसलिए युक्ति ने दादी के बिजनेस की बात सोची। 

बनाया एक इंस्टाग्राम पेज 

दादी के लिए युक्ति ने एक इंस्टाग्राम पेज बनाया और उसमें ऐसी डिज़ाइन बेचनी शुरू की जो दादी ने पहले से ही बना राखी थीं। सौभाग्य से, उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया और लोगों का ढेर सारा प्यार मिला,” युक्ति साझा करती है, जो जनकपुरी में अपनी दादी के साथ रहती है। उसकी दादी का बुनाई का जुनून देखने योग्य है। वह बिना थके इतने प्यार और जोश के साथ सभी ऑर्डर करती है। वह लगभग 6 बजे उठती है, पूजा करती है और नाश्ता करती है। फिर वह अपने सूत के साथ बैठती है, पूरे दिन ऑर्डर पूरा करने के लिए क्राफ्टिंग करती हैं। यह स्वेटर, एक्सेसरीज़, झुमके, पाउच, पोटली बैग, मोजे, दस्ताने और घर की सजावट के सामान सहित दस्तकारी उत्पादों की एक श्रृंखला प्रदान करती हैं और वास्तव में जो कभी शीला बजाज यानी कि दादी के शौक थे वो अब  की तरह चलते हैं। 

 कैसे हुई बिजनेस की शुरुआत 

 शीला जी बताती हैं कि वो पहले अपने परिवार और पड़ोसियों के लिए ही स्वेटर बुनती थीं और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करना नहीं आता था। उनकी पोती ने उन्हें बुनाई करते हुए देखा और सोचा कि उन्हें एक बिजनेस की शुरुआत करनी चाहिए। युक्ति कहती हैं कि परिवार में बच्चों के लिए स्वेटर और कपड़े अक्सर दादी बनाती थीं। युक्ति ने दादी के हुनर को बिजनेस का रूप देने के लिए नवंबर 2020 में इंस्टाग्राम पर CaughtCraftHanded पेज की शुरुआत की और उसमें दादी की डिज़ाइन डालनी शुरू कर दीं। शुरुआत में शीला वह बना रही थी जिसमें वह माहिर थी - तकिया और कुशन कवर। धीरे-धीरे, उसने अधिक छवियों को देखना शुरू कर दिया, रुझानों को समझना और विभिन्न उत्पादों के साथ प्रयोग करना शुरू कर दिया।