चंडीगढ़ में अभी कोरोना केसों की रफ्तार कम है। इसके चलते चंडीगढ़ प्रशासन भी टेस्टिंग में कमी लाए हुए है, लेकिन यदि शहर में फिर से कोरोना बढ़ता है तो जीएमएसएच-16 भी टेस्टिंग के लिहाज से अपनी बेहतर सेवाओं के साथ खड़ा हो गया है। कोरोना महामारी के 2 साल बीतने के बाद अब जीएमएसएच-16 की अपनी आरटी-पीसीआर लैब बन कर तैयार हो गई है। अभी यहां पर ट्रायल चल रहे हैं और सप्ताह भर में यह लैब ऑपरेशनल हो जाएगी।शहर के प्रशासक के सलाहकार 24 फरवरी को इस लैब का उद्घाटन करेगें। अभी तक पिछले 2 सालों में 10,59,661 कोरोना टेस्टिंग हो चुकी है। इस लैब के बनने के बाद अब जीएमएसएच 200 टेस्ट प्रति दिन के हिसाब से कर पाएगा। डायरेक्टर, हेल्थ सर्विसेज डॉ. सुमन सिंह ने बताया कि आरटी-पीसीआर टेस्टिंग के लिए लैब बन कर तैयार हो गई है। अभी मशीन का ट्रायल चल रहा है। शुरुआती स्तर पर रोजाना 200 टेस्टिंग की जा सकेगी।

अब से पहले हॉस्पिटल कोरोना के सैंपल तो ले लेता था, मगर इसे आगे टेस्टिंग के लिए जीएमसीएच-32 और पीजीआई पर निर्भर रहना पड़ता था। हालांकि इमरजेंसी हालातों के लिए जीएमएसएच-16 के पास एक मशीन थी, जिससे करीब 4 घंटों में टेस्टिंग का नतीजा आ जाता था। यह मशीन व्यापक स्तर पर लिए जाने वाले सैंपल के लिए प्रयोग में नहीं लाई जाती थी। इमरजेंसी कोविड रिस्पोंस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस (ईसीआरपी) के तहत चंडीगढ़ को इस लैब के लिए 35 लाख रुपए मिले थे। वहीं 5.6 करोड़ रुपए चंडीगढ़ को ईसीआरपी के तहत केंद्र से मिले थे। जीएमएसएच-16 को मिलाकर अब शहर के 4 गवर्नमेंट हॉस्पिटल में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की सुविधा हो गई है। इनमें आईएमटेक भी शामिल है। पीजीआई में रोजाना 2500 सैंपल टेस्टिंग की क्षमता है।