नई दिल्ली। निवेशक वेदांता लिमिटेड के डिमर्जर का इंतजार काफी समय से कर रहे हैं। इस बीच वेदांता लिमिटेड के डिमर्जर प्लान को लेकर बड़ा अपडेट आया है। दरअसल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कंपनी की योजना पर आपत्ति दर्ज कराई। वहीं, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने ट्रिब्यूनल को जानकारी दी कि वह वेदांता की योजना की SEBI नियमों के तहत जांच कर रहा है।

इस मामले में NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) ने स्पष्ट किया है कि वह डिमर्जर को लेकर कंपनी को नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) दे चुका है। अब इस मामले में अगली सुनवाई NCLT में 20 अगस्त को होगी।

क्या है वेदांता का डिमर्जर प्लान?

सितंबर 2023 में घोषित किए गए इस डिमर्जर प्लान के तहत वेदांता अपनी अलग-अलग व्यवसायिक इकाइयों जैसे एल्युमिनियम, ऑयल एंड गैस, पावर और बेस मेटल्स को स्वतंत्र रूप से लिस्टेड कंपनियों के रूप में बांटना चाहती है। कंपनी का मानना है कि इससे संचालन में दक्षता आएगी, प्रबंधन आसान होगा और शेयरहोल्डर्स को बेहतर वैल्यू मिलेगी।

सितंबर तक टली है डिमर्जर की समयसीमा

मार्च 2024 में वेदांता ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया था कि डिमर्जर की समयसीमा 31 मार्च से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई है, क्योंकि NCLT और अन्य सरकारी मंजूरियां अभी लंबित हैं।

वेदांता शेयर प्राइस

बुधवार 2 जुलाई को वेदांता के शेयर NSE पर हल्की बढ़त के साथ ₹470 पर बंद हुए। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में लगभग 9% की तेजी दर्ज की गई है।