वाशिंगटन । यूक्रेन पर रूसी आक्रमण ने वाशिंगटन में छोटे-से यूरोपीय देश के दूतावास को अप्रत्याशित यानी लड़ाई में शामिल होने की इच्छा रखने वाले अमेरिकियों को भर्ती करने की भूमिका दे दी है। दूतावास से बाहर जॉर्जटाउन के एक हिस्से में काम कर रहे राजनयिकों को यूक्रेन के लिए लड़ने के लिए स्वयंसेवकों के प्रस्ताव मिल रहे हैं। यूक्रेनी दूतावास से जुड़े सैन्य विशेषज्ञ (मिलिट्री अटैची) मेजर जनरल बोरिस क्रेमेनेत्स्की ने कहा, उन्हें वाकई लगता है, कि यह युद्ध अनुचित, बिना उकसावे वाला है। उन्हें लगता है कि उन्हें जाना होगा और मदद करनी होगी।''
अमेरिका के ये स्वयंसेवी यूक्रेन के लिए लड़ने की इच्छा रखने वाले विदेशियों के एक छोटे-से समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं। फिर भी यह सोशल मीडिया के इस दौर में हमले और इसमें आम लोगों की मौत के बढ़ते मामलों को लेकर लोगों की नाराजगी और जुनून को परिलक्षित करता है। क्रेमेनेत्स्की ने कहा, ये आतंकवादी नहीं हैं, जो पैसा कमाने आ रहे हैं। यह अच्छे लोग हैं, जो आजादी की लड़ाई के लिए यूक्रेन की मदद करने आ रहे हैं। हालांकि, अमेरिकी सरकार अपने नागरिकों को यूक्रेन में जाकर लड़ने के लिए प्रेरित नहीं करती है, क्योंकि इससे कानूनी और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पैदा होते हैं।
उन्होंने बताया कि अभी तक करीब 100 अमेरिकी नागरिकों को भर्ती किया गया है इसमें इराक और अफगानिस्तान में युद्ध का अनुभव रखने वाले पूर्व सैन्यकर्मी शामिल हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने लोगों से युद्ध में शामिल न होने का आग्रह करते हुए कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है, कि कितने अमेरिकी नागरिक असल में यूक्रेन पहुंच गए हैं।