गाजियाबाद। 17 साल की उम्र में जब अपने एक रिश्तेदार को खून नहीं मिलने के कारण अस्पताल में भटकते देखा तो शुभम गर्ग ने किसी को खून की कमी न होने देने का प्रण किया। साढ़े 17 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार रक्तदान किया। उसके बाद से आज 32 साल की उम्र तक लगातार साल में चार बार रक्तदान करते आ रहे हैं। इस साल 20 जनवरी तक वह 54 बार रक्तदान कर चुके हैं।

राजनगर एक्सटेंशन स्थित क्लासिक रेजीडेंसी सोसायटी के निवासी शुभम ने कोरोनाकाल में 12 बार प्लेटलेट्स दान दी थी। उनका कहना है कि जब मैंने अपने रिश्तेदार को 15 यूनिट खून के लिए परेशान होते देखा तो सोचा मैं जीवन में कुछ करूं या ना करुं रक्तदान जरूर करूंगा। यह महादान है। मैं साल में चार बार रक्त देता हूं, क्योंकि प्रत्येक तीन महीने के बाद ही आप इसे दान कर सकते हैं। दिल्ली-एनसीआर में कहीं से भी कॉल आ जाए, वह जाने को तत्पर रहते हैं। वह अब तब अपने जिले के अलावा, दिल्ली, गुरुग्राम तक रक्त देने के लिए जा चुके हैं। कहीं ज्यादा जरूरत होने पर वह अपने साथियों को भी ले जाते हैं। इसके लिए सोसायटी के युवाओं ने एक ग्रुप भी बनाया हुआ है। जिसमें चार हजार लोग जुड़े हुए हैं। यह एक कॉल पर दिल्ली-एनसीआर में झट पहुंच जाते हैं।