सोए स्वयंसेवकों को जगाएगा आरएसएस

गाजियाबाद। गोरखपुर निवासी भुवनेश शून्य से 15 वर्ष की आयु तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पूरी तरह जुड़े हुए थे। वह प्रतिदिन सुबह और शाम की शाखा नियमित अटैंड करते थे। प्रांरभिक और प्राथमिक वर्ग भी किया। इसके बाद शिक्षा और फिर रोजगार के कारण दिल्ली-एनसीआर में आ गए। यहां आने के बाद वह आरएसएस की शाखा और गतिविधियों से पूरी तरह दूर हो गए।
अब उनकी उम्र करीब 35 साल है और वह गाजियाबाद में ही रहते हैं लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी में वह आरएसएस की शाखाओं से दूर हो गए। वह कहते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में जिंदगी इतनी तेजी से भागती है कि अब नौकरी और परिवार के बीच समय ही नहीं मिल पाता, जब बच्चे थे तो शाखा में खूब आनंद आता था। हां, जब भी वह गोरखपुर अपने घर जाते हैं तो जरूर वहां शाखा में जाते हैं। वह चार भाई हैं। चारों ही शाखा में जाते थे लेकिन अब उनमें से कोई नहीं जाता। यह किसी एक भुवनेश या उनके दोस्तों या भाइयों की बात नहीं है, ऐसे कई युवक और युवतियां हैं जो अब भागदौड़ भरी जिंदगी में आरएसएस की गतिविधियों से निष्क्रिय हो चुके हैं। ऐसे ही लोगों के लिए राष्ट्रीय स्वयंकसेवक संघ ने सुप्त शक्ति जागरण विभाग बनाया है, जो ऐसे लोगों को ढूंढकर दोबारा से संघ में सक्रिय होने की पहल कर रहा है। कई लोग पारिवारिक जिम्मेदारियों, नौकरी के कारण, व्यस्त दिनचर्या, जगह बदलने या अन्य निजी समस्याओं के कारण संघ की शाखाओं या गतिविधियों से दूर हो गए। उनको एक बार फिर से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इस बारे में जिले में सुप्त शक्ति जागरण विभाग देख रहे आरएसएस के रवि प्रकाश कहते हैं कि संघ हमेशा लोगों को जोड़ने का कार्य करता है और यह पहल भी उसी के तहत है। हम पुराने लोगों को भी जोड़कर रखते हैं।
कई प्रकार के लगते हैं प्रशिक्षण शिविर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वयंसेवकों के लिए अलग-अलग आयु वर्ग के लिए कई प्रकार के प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है। जिसमें प्रारंभिक शिविर तीन दिन के लिए (13 से 50 आयुवर्ग), प्राथमिक शिविर सात दिन (15 से 50 आयुवर्ग), संघ शिक्षा वर्ग 15 दिन (18 से 40 आयुवर्ग), कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम 20 दिन (20 से 50 आयुवर्ग) और कार्यकर्ता विकास द्वितीय वर्ग 20 दिन (20 से 50 आयुवर्ग) के लिए लगता है।
सुबह और शाम को लगती हैं शाखाएं
आरएसएस युवकों के लिए और राष्ट्रीय सेवा समिति युवतियों के लिए प्रात: और सांध्यकालीन शाखाएं आयोजित कराती हैं। जिसमें व्यायाम, ध्वजारोहण, कई प्रकार के खेल, ज्ञानवद्धर्क बातें और अपने देश व महान महापुरुषों के बारे में जानकारी दी जाती है।