बच्चों को किताबों के साथ मिट्टी से भी जोड़ रहीं रमा

गाजियाबाद। जहां एक ओर बच्चे आज मोबाइल और स्क्रीन की दुनिया में उलझे हैं, वहीं जिले के सरकारी स्कूलों में कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जो अब पालक, टमाटर और तुलसी उगाना सीख रहे हैं। यह प्रयास कर रही हैं, हॉर्टिकल्चर फ्लोरीकल्चर सोसाइटी की अध्यक्ष रमा त्यागी।
वीर चक्र विजेता कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी (सेवानिवृत्त) की पत्नी रमा त्यागी को बागवानी का बहुत शौक है। उनके घर के आंगन में आपको विभिन्न प्रकार के सैकड़ों पौधे मिल जाएंगे। रमा कभी बाजार से सब्जी नहीं खरीदती हैं, उनके घर के आंगन में लौकी, टमाटर, मिर्च, तोरी, भिंडी सभी प्रकार की आर्गेनिक सब्जियां होती हैं। अब वह घर के साथ स्कूलों को भी हरा-भरा करने में जुटी हैं।हर स्कूल में हो अपनी बगिया
रमा त्यागी ने बताया कि उन्होंने दर्जनों सरकारी स्कूलों में पोषण वाटिकाएं शुरू करवाई हैं। इन छोटे-छोटे बगीचों में बच्चे सब्जियां और औषधीय पौधे उगाते हैं, जिनका उपयोग उनके दोपहर के भोजन (मिड डे मील) में होता है। इससे बच्चों को पोषण तो मिलता ही है, साथ ही वह प्रकृति, श्रम और स्वच्छता के प्रति भी जागरूक होते हैं।
जेल से लेकर झुग्गियों तक हरियाली का संदेश
रमा जेल में महिला कैदियों के लिए कौशल विकास और बागवानी कार्यक्रम चलाती हैं। उनके प्रयास से यहां बच्चों के लिए नर्सरी स्कूल और खेल-कूद की सुविधाएं भी शुरू की गईं। उनका मानना है कि हर इंसान को मिट्टी से जोड़कर सुधारा जा सकता है।
हर घर, हर छत पर उगे हरियाली
रमा आजकल नागरिकों को किचन वेस्ट से खाद बनाने, छत पर सब्जियां उगाने और शहरी स्थानों को हरा-भरा बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उनका सपना है कि गाजियाबाद सिर्फ इमारतों का नहीं, बगीचों का शहर बने।