सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल इंडिया लिमिटेड अमेरिका के शेल तेल उद्यम से बाहर निकल गई है। कंपनी ने इस उपक्रम में अपनी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 2.5 करोड़ डॉलर में उद्यम भागीदार को बेच दी है। है। इस तरह दो महीने में अमेरिकी सेल कारोबार से बाहर निकलने वाली यह दूसरी भारतीय कंपनी है। 
      
कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा, ''ऑयल इंडिया (यूएसए) इंक (ओआईएल की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी) ने नियोब्रारा शेल संपत्तियों में अपनी समूची हिस्सेदारी बेच दी है।'' ऑयल इंडिया और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (ओआईसी) ने संयुक्त रूप से अक्टूबर, 2012 में कोलोराडो में ह्यूस्टन स्थित कैरिजो ऑयल एंड गैस की नियोब्रारा शेल संपत्ति में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी 8.25 करोड़ डॉलर में खरीदी थी। ओआईएल की अनुषंगी ने जहां 20 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था, वहीं आईओसी ने अपनी संबंधित अनुषंगी कंपनी के माध्यम से कैरिजो के नियोब्रारा बेसिन की संपत्ति में 10 प्रतिशत हासिल की थी। कुल 8.25 करोड़ डॉलर के निवेश में 4.12 करोड़ डॉलर का अग्रिम भुगतान शामिल था। इसके अलावा शेष 4.12 करोड़ डॉलर का भुगतान कैरिजो की भविष्य की ड्रिलिंग और विकास की लागत से जुड़ा था। 
     
ऑयल इंडिया ने यह यह हिस्सेदारी वेर्दाद रिसोर्सेज एलएलसी को बेची गई है जो इस संपत्ति की परिचालक है। कैरिजो ने जनवरी, 2018 में नियोब्रारा संपत्ति की बिक्री वेर्दाद रिर्सोसेज को की थी। उसके बाद वह इस संपत्ति की नई परिचालक बन गई थी। ओआईएल से पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अमेरिका में शेल संपत्तियों से बाहर निकलने की घोषणा की थी। अमेरिकी शेल संपत्तियों में रिटर्न आकर्षक नहीं रहने की वजह से रिलायंस ने यह कदम उठाया था।