रांची: जैक इंटरमीडिएट की परीक्षा में नक्सल प्रभावित लातेहार जिले के बच्चों ने दिखा दिया कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। इंटर साइंस और कॉमर्स संकाय में लातेहार जिले के बच्चों ने परचम लहराया है।

लेकिन, राजधानी रांची (साइंस में 76 प्रतिशत रिजल्ट), पूर्वी सिंहभूम (70.9 प्रतिशत रिजल्ट), सरायकेला (68 प्रतिशत रिजल्ट), उपराजधानी दुमका (65 प्रतिशत रिजल्ट) जहां बेहतर स्कूली सुविधा है, वहां के बच्चे इंटर साइंस में पिछले वर्ष की तुलना में और निचले पायदान पर चले गए।

इसके बाद विभाग ने रांची सहित अन्य वैसे जिले जहां का रिजल्ट खराब रहा है, उन जिलों के शैक्षणिक कार्यों की समीक्षा करने की बात कही है। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

जेसीईआरटी के निदेशक शशि रंजन सिंह ने बताया कि जिन जिलों का रिजल्ट कमजोर रहा है, उसकी पहले समीक्षा की जाएगी, उसके बाद देखा जाएगा कि आखिर कमी कहां रही। जरूरत पड़ी तो संबंधित जिलों को शोकाज किया जा सकता है।

इससे पहले मैट्रिक के खराब रिजल्ट देने वाले जिलों के स्कूलों को शोकाज किया जा चुका है, जिसमें रिजल्ट कमजोर होने का स्पष्ट कारण पूछा गया है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों की योग्यता और उनके पढ़ाने के तरीके पर भी सवाल उठता है।

लातेहार ने किया है रिकॉर्ड प्रदर्शन 
पिछली बार इंटर साइंस में लातेहार दूसरे स्थान पर था, लेकिन इस बार शानदार प्रदर्शन करते हुए पहला स्थान हासिल किया, पिछली बार की तुलना में इस बार 1.38 प्रतिशत बच्चों ने अधिक सफलता पाई।

जबकि कॉमर्स संकाय में पिछले बार की तरह ही इस बार भी लातेहार ने पहला स्थान बनाए रखा। पिछली वर्ष की तुलना में शानदार प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड 100 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने सफलता पायी है। जबकि पिछली वर्ष यह सफलता का दर 98.38 प्रतिशत था।

कॉमर्स में रांची औसत रिजल्ट 
रांची जिले के बच्चों ने इंटर कॉमर्स के छात्र-छात्राओं का औसत रिजल्ट रहा है। पिछली बार कॉमर्स में रांची 16वें स्थान पर था, जबकि इस बार रांची 12वें स्थान पर रही। लेकिन साइंस संकाय में यह उल्टा हो गया, पिछली बार साइंस में रांची 13वें स्थान पर थी, लेकिन इस बार यह लुढ़क कर 16वें स्थान पर पहुंच गई है।

लोहरदगा आगे बढ़ा तो कोडरमा दूसरे रैंक पर पहुंचा 
कॉमर्स में लोहरदगा जिला के बच्चों ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए आठवें स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा। जबकि, सांइस में कोडरमा कुछ अंक से चूक गया और पहले स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच गया।

दूसरी ओर कॉमर्स में पाकुड़, कोडरमा ओर गोड्डा जिला की रैंकिंग पिछले वर्ष की तुलना में घटी है। इसमें गोड्डा का सबसे खराब प्रदर्शन रहा, पिछली बार गोड्डा 19वें स्थान पर था, जबकि इस बार 24वें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं साइंस संकाय में खूंटी पिछली वर्ष भी 24वें स्थान पर था और इस वर्ष भी इसी स्थान पर रहा।

लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 13.32 प्रतिशत अधिक बच्चों ने सफलता पायी है, जो संतोषजनक है। खूंटी का पिछले वर्ष का रिजल्ट 47.49 था, जबकि इस बार 60.81 प्रतिशत है।