इन दिनों पौराणिक और धार्मिक कहानियों पर आधारित रामायण, महाभारत और जय हनुमान जैसी कई फिल्में बन रही हैं। हर फिल्मकार अलग-अलग नजरिए से कहानी प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा है। पौराणिक व धार्मिक कहानियों और उनके किरदारों से लाखों लोगों की आस्थाएं जुड़ी होती हैं।

ऐसे में कलाकारों के लिए उन भूमिकाओं को निभाते समय काफी सजग रहना पड़ता है। अभिनेता ईशान खट्टर को अभी तक कैमरे के सामने ऐसी कोई भूमिका निभाने का मौका तो नहीं मिला है, लेकिन वह भविष्य में निभाना चाहते हैं। वह ऐसी भूमिकाओं को लेकर अपनी जिम्मेदारियां समझते हैं। बातचीत में वह कहते हैं, किसी भी कहानी को दर्शाने या कैमरे के सामने उसका हिस्सा बनने के लिए उसको समझना बहुत जरूरी होता है।

पौराणिक या धार्मिक कहानियों के साथ एक जिम्मेदारी भी आती है। बतौर कलाकार ये बातें आपके दिमाग में चलती रहती हैं कि ऐसी भूमिकाओं को किसी भी रूप या अंदाज में नहीं प्रस्तुत किया जा सकता है। इन कहानियों को नए तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं, लेकिन ये कहानियां इतनी अच्छी हैं कि इनके साथ खिलवाड़ करना पूरी कहानी खराब कर सकता है। ऐसी भूमिकाओं को निभाते समय उनकी अहमियत, व्यक्तित्व और उसके साथ अपनी जिम्मेदारी को भी समझना जरूरी है।

ईशान खट्टर का वर्क फ्रंट

ईशान खट्टर के वर्क फ्रंट की बात करें, तो उन्हें आखिरी बार फिल्म 'पिप्पा' में देखा गया था। इस मूवी में उन्होंने ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता की भूमिका निभाई थी। बता दें कि यह मूवी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित थी, जिसे लोगों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली थी।

अब वह जल्द ही नेटफ्लिक्स की हॉलीवुड सीरीज 'द परफेक्ट कपल' में दिखाई देने वाले हैं। अपने पसंदीदा अभिनेता ईशान खट्टर को इस नए रोल में देखने के लिए उनके फैंस भी काफी उत्साहित हैं।