भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री कैसे बने थे राकेश शर्मा
भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा का आज यानी 13 जनवरी को 73वां जन्मदिन है। राकेश शर्मा का जन्म पंजाब के पटियाला में 13 जनवरी 1949 को हुआ था। 3 अप्रैल 1984 को राकेश शर्मा अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने थे। दुनिया के 138 वे अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर के पद पर रिटायर हुए हैं। उन्होंने करीब 8 दिन तक अंतरिक्ष में बिताए थे।
शर्मा ने अपनी पढ़ाई सेंट जॉर्ज ग्रामर स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद के निजाम कॉलेज से स्नातक किया। जुलाई 1966 में वह नेशनल डिफेंस एकेडमी से वायुसेना प्रशिक्षु के तौर जुड़े। इसके बाद उनको साल 1970 में भारतीय वायुसेना में टेस्ट पायलट के तौर शामिल किया गया था। राकेश शर्मा ने 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में भी हिस्सा लिया था। उस समय वह पायलट की भूमिका में थे। साल 1982 में यह फैसला लिया गया एक भारतीय रूसी अभियान साथ अंतरिक्ष में जाएगा।
उस समय तक राकेश शर्मा स्क्वाडर्न लीडर बन चुके थे। राकेश शर्मा ने खुद निर्णय लिया था कि वह चुनौतीपूर्ण मिशन में शामिल होंगे। इससे पहले उन्हें कठिन परीक्षण में शामिल होना था। उन्होंने प्रशिक्षण लिए और खुद को सोवियत अंतरिक्ष विशेषज्ञ के तौर पर स्थापित किया। इसके बाद तय हो गया कि अंतरिक्ष में राकेश शर्मा जाएंगे।
राकेश शर्मा ने भारत के कई इलाकों की तस्वीरों को जारी किया था। सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने अंतिरक्ष में योगा भी किया था। जब अतंरिक्ष से लौटकर आए, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूछा कि भारत कैसा दिखता है, तो उन्होंने जवाब दिया कि सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तान हमारा। अंतरिक्ष में राकेश शर्मा भारतीय भोजन को भी लेकर गए थे। उन्होंने मैसूर स्थित डिफेंस फूड रिसर्च लैब की मदद से ऐसा किया था। अतंरिक्ष में राकेश सूजी का हलवा, वेज पुलाव और आलू छोले लेकर गए थे। उन्होंने अपने यात्री अतंरिक्ष यात्रियों को भी खिलाया था।
राकेश शर्मा अंतरिक्ष में अपने साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राष्ट्रपति जैल सिंह, रक्षामंत्री वेंकटरमण और राजघाट की मिट्टी, महात्मा गांधी की समाधि की तस्वीर लेकर गए थे।राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय के साथ ही 'सोवियत संघ के हीरो' पुरस्कार से सम्मानित होने भी पहले भारतीय हैं। भारत सरकार की तरफ से राकेश शर्मा को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार और अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है।