लोकसभा और विधानसभा में उठेगा गांधी आश्रम का मुद्दा
अंतिमा सिंह
सीरीज-4
दिल्ली। मेरठ के क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम में इस तपती गर्मी में कर्मचारी पिछले आठ महीने से अनशन पर बैठे हैं लेकिन शासन और प्रशासन उनकी मांगों पर आंखें मूंदे बैठा है। फंड की कमी के कारण आश्रम की हालत बदहाल होती जा रही है। यहां की कीमती जमीन पर हर किसी की निगाह है, अगर सरकार चाहे तो इसे टेकओवर करके सारी समस्याओं से निजात दिला सकती है। शासन-प्रशासन और राजनेता चाहें तो यहां का पूरा नक्शा बदल सकता है और बदहाल होते गांधी आश्रम में एक बार फिर रौनक लौट सकती है, मगर अफसोस इस गंभीर मुद्दे पर हर कोई चुप्पी साधे है। हालांकि हमने जब मुद्दे को गंभीरता से उठाया तो अब कई राजनेता सामने आए हैं और उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से विधानसभा और लोकसभा में उठाने का वादा किया है। उम्मीद है कि जल्द ही यह मुद्दा अब विधानसभा और लोकसभा में गूंजेगा और बापू के खादी के सपने को साकार किया जा सकेगा।
पिछले आठ महीनों से चल रहे इस अनशन पर कई बड़े नेता आए और कई नेताओं व अधिकारियों के पास कर्मचारी अपनी समस्याओं को लेकर गए, मगर अफसोस अभी तक कोई भी उनकी मांगों को पूरा कराकर उनका अनशन खत्म करवाने में कामयाब नहीं हो सका है। इस अनशन पर वाराणसी से कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय राय, सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान और सपा से शहर विधायक रफीक अंसारी समेत कई अन्य नेता धरने पर आए। साथ ही कर्मचारी कई बार राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी और पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल से मिलने गए लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पांत। सबने केवल आश्वासन दिया लेकिन मजबूती से कोई इनका पक्ष नहीं रख सका। हैरानी की बात तो यह है कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद उनके सांसदों ने इस मामले में कोई गंभीर पहल नहीं की, वरना यह मुद्दा कभी का हल हो चुका होता। पिछले 40 दिन से लगातार पड़ रही भीषण गर्मी से जहां उत्तर भारत में हाहाकार मचा हुआ है, वहीं 45 से 50 के पारे के बीच अनशन पर बैठे इन कर्मचारियों की हिम्मत की दाद देनी होगी, जो लगातार इस लू और तपिश में बैठे हुए हैं।
इस बारे में मेरठ में सपा से विधायक अतुल प्रधान का कहना है कि मैं अनशन पर कई बार गया था, वहां भारी भ्रष्टाचार है। सबकी नजर वहां की कीमती जमीन पर है। इसमें आरएसएस और भाजपा के पदाधिकारी भी शामिल हैं। इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया जाएगा। बापू के सपने को टूटने नहीं दिया जाएगा। अभी तीन महीने से चुनाव में व्यस्त था, मैं जल्द वहां जाऊंगा। कर्मचारियों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा।
लोकसभा में उठाएंगे मुद्दा : अजय राय
इस बारे में वाराणसी से कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय राय कहते हैं कि वह गांधी आश्रम मेरठ गए थे, वह जल्द ही सभी जानकारी लेकर इस मुद्दे को लोकसभा में उठाएंगे। यह गंभीर मामला है। गांधीजी का सपना बिखर रहा है और सरकार चुपचाप देख रही है, जबकि मोदी सरकार हमेशा खादी को बढ़ाने की बात करती है। इस मुद्दे पर पिछले आठ महीनों में कोई एक्शन तक नहीं हुआ, यह बड़ी बात है। कर्मचारी भीषण गर्मी में तप रहे हैं और शासन-प्रशासन देख रहा है। हम इनका पक्ष मजबूती से लोकसभा में रखेंगे। जल्द पूरी जानकारी लूंगा।
मंत्री और मैनेजमेंट कमेटी बेईमान है : डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी
मेरठ से पूर्व विधायक और वर्तमान में राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजेपयी कहते हैं कि इस मुद्दे पर मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा। गांधी आश्रम मेरठ का मंत्री और मैनेजमेंट कमेटी सब भ्रष्ट हैं। सब भ्रष्ट हैं और कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं।
मेरठ के पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि गांधी आश्रम में भारी भ्रष्टाचार है। जमीन बेचने के भी प्रयास हुए हैं। मैंने इस संबंध में तत्कालीन एमएसएमई के केंद्रीय राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह ने बात की थी, लेकिन वहां बहुत लफड़े हैं। अब मैं सांसद नहीं रहा, आप नए सांसद से बात करें, इस मुद्दे पर।
पिछली बार केंद्र सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में पूर्व राज्य मंत्री रहे भानुप्रताप सिंह वर्मा ( जालौन के पूर्व सांसद ) कहते हैं कि मैं ढाई साल पहले गांधी आश्रम स्थित खादी ग्रामोद्योग के कार्यालय में गया था और वहां कर्मचारियों की समस्याएं भी जानी थीं। तब पता चला था कि वहां अवैध कब्जे हैं, मैंने जिलाधिकारी से बात कर जांच करने को कहा था। वहां किसी भी कीमत पर अवैध कब्जे नहीं होने दिए जाएंगे। मैंने केंद्रीय खादी ग्रामोद्योग की सभी योजनाएं भी वहां लागू करने को कहा था। अब मैं न विधायक हूं और न मंत्री हूं लेकिन पत्राचार किया जाएगा। कर्मचारी संगठन को राज्य सरकार के अधीन खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में भी इस संबंध में शिकायत देनी चाहिए।
मेरठ में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अवनीश काजला कहते हैं कि हम धरने पर कई बार गए। वरिष्ठ नेता अजय राय भी गए थे। हमने इस संबंध में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा था, वहां से उत्तर भी आया था कि ना तो जमीन बिकने दी जाएगी और ना ही अवैध कब्जे होने दिए जाएंगे और एक नीति भी जल्द बनाई जाएगी। लेकिन हैरानी की बात है जबसे अनशन चल रहा है राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार है। लोकसभा, राज्यसभा सांसद इनके हैं, कई विधायक भी इनकी ही पार्टी हैं, अफसोस इसके बावजूद यह लोग कुछ कर नहीं पाए। इससे खुद अधिकारियों, पदाधिकारियों और नेताओं की इसमें संलिप्पता उजागर होती है। अब विपक्ष में हम मजबूती से आए हैं तो इस मुद्दे को गंभीरता से अपने विधायक, सांसदों के माध्यम से विधानसभा और लोकसभा में उठाया जाएगा। पूरा प्रयास है कि अभी लोकसभा सत्र शुरू होने वाला है कि इसमें यह मुद्दा उठाया जाए। हम कर्मचारियों के साथ हैं। हम कतई वहां भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे और न ही जमीन बिकने दी जाएगी।
सीरीज जारी रहेगी......