गाजियाबाद। शहर में कूड़े का निस्तारण सही तरीके से नहीं होने से लोगों का बदबू से बुरा हाल है। लोगों ने बहुमंजिला इमारतों में करोड़ों के फ्लैट तो ले लिए लेकिन शहर की सभी सोसायटियों के पास कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। कई बार इसकी शिकायत नगर निगम, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से की गई, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं निकल सका है। बारिश के बाद कूड़ा सड़ने से हर तरफ बदबू फैली हुई है।
फेडरेशन ऑफ राजनगर एक्सटेंशन सोसाइटीज के अध्यक्ष सचिन त्यागी का कहना है कि कूड़े की समस्या तो पूरे शहर में है। कूड़े के निस्तारण की सही व्यवस्था न होने से यहां से कूड़ा उठाकर आसपास के खाली प्लॉट में डाल दिया जाता है। जिससे सभी खाली प्लॉटों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। कई बार नगर निगम में शिकायत की, एकाध बार कूड़ा उठवा दिया जाता है, फिर वही हाल हो जाता है।

जीडीए और नगर निगम के चक्कर में फंसा है पेंच
राजनगर एक्सटेंशन के गौर कैस्केड्स सोसायटी के सचिव पुनीत गोयल कहते हैं कि हमारे आसपास ऑफिसर्स सिटी-एक और दो सोसायटी, केडब्ल्यू सृष्टि, पॉर्म रिजॉर्ट , अजराना, क्लासिक और व्रेबहॉर्ट सोसायटी सहित एक दर्जन से अधिक सोसायटियां हैं। यह अभी जीडीए ने नगर निगम को सोसायटियां हैंडओवर नहीं की है, इसलिए वह यहां काम नहीं कर रहा है। बहुत धीमी गति से प्रक्रिया चल रही है। निगम हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स और गारबेज टैक्स सब ले रहा है, लेकिन सुविधाएं कुछ नहीं दे रहा। अभी जीडीए की देखरेख में ठेकेदार सभी सोसायटियों से कूड़ा उठवाता है और वह सभी आसपास के खाली प्लॉट में डाल दिया जाता है। निगम और जीडीए ने इस मुद्दों को लेकर कई बार बातचीत हो चुकी लेकिन आज तक समाधान कोई नहीं निकला। यहां दो बीएचके फ्लैट 60 लाख से शुरू होकर 4बीएचके तक के फ्लैटों की कीमत दो से तीन करोड़ तक है, लेकिन सुविधाएं नदारद हैं। यहां के नाले का टेंडर पिछले साल बारिश से पहले हुआ था, पांच फीट तक सिल्ट जमा है, लेकिन आज तक सफाई नहीं हुई। केवल कागजों में नाले साफ करा दिए जाते हैं। पानी का बहाव न होने से गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर फैल जाता है।

डंपिंग हाउस से आ रही बदबू
राजनगर एक्सटेंशन की व्रेबहॉर्ट सोसायटी के निवासी दीपांशु मित्तल का कहना है कि यहां से पांच किमी दूर मकरेडा और बहादुरपुर गांव के बीच में निगम का डंपिंग हाउस है। तेज हवा चलने पर यहां बदबू से बुरा हाल है। आए दिन बारिश हो रही है और यहां कूड़ा सड़ रहा है, जिसने जीना मु​​​​श्किल कर रखा है। इससे राजनगर एक्सटेंशन, संजय नगर, राजनगर, कविनगर, कलेक्ट्रेट तक बदूब पहुंच रही है। निगम में शिकायत की गई है। आज तक निगम कूड़ा निस्तारण का कोई समाधान नहीं कर सका है, इससे निवासी परेशान हैं।

मानसून आने वाला है, नहीं हुई नालों की सफाई
क्रोमा के अध्यक्ष रोहित चौधरी कहते हैं कि क्रॉसिंग रिपब्लिक में सारा कूड़ा नाले में डाल दिया जाता है, जिससे उसका पानी सड़कों पर बहता रहता है। बदबू और गंदगी से बुरा हाल है। यहां हर वर्ग के लोग रहते हैं। यहां कुल 29 सोसायटियों में एक लाख से अ​धिक लोग रहतेे हैं। यहां 60 लाख से तीन से चार करोड़ तक के फ्लैट हैं। कई बार निगम से शिकायत की लेकिन कोई समाधान आज तक नहीं हुआ। मानसून आने वाला है, पर अभी तक नाले साफ नहीं हुए।

हम-तुम रोड पर चलते हैं कूड़े के डंपर
हम तुम फोरम के सदस्य मनजीत सिंह का कहना है कि इस हम-तुम रोड पर एक दर्जन से अधिक सोसायटियां हैं। इस सड़क के आगे जीडीए की ओर से हरनंदीपुरम बसाया जा रहा है और उसके आगे निगम का डंपिंग हाउस है। यहां पूरे दिन कूड़े के दर्जनों डंपर गुजरते हैं। जिससे पूरे दिन बदबू आती है। पास में डंपिंग हाउस होने से और बुरा हाल रहता है। कई बार शिकायत की, आज तक कोई हल नहीं निकला। लोगों ने यहां करोड़ों के फ्लैट लिए पर सुविधाएं नहीं हैं।

सिद्धार्थ विहार में नहीं है नाला, खुले में डाला जाता है कूड़ा
प्रतीक ग्रांड सोसायटी के निवासी जितेंद्र कुमार कहते हैं कि आवास-विकास ने सिद्धार्थविहार योजना के अनुसार नहीं बसाया है। यहां पानी निकासी का बुरा हाल है। यहां कोई नाला नहीं है। बारिश में बुरा हाल हो जाता है। कूड़ा तो प्रतीक के पीछे प्लॉट में ही डाला जाता है। बदबू आती रहती है। गंगा यमुना अपार्टमेंट के कैलाश चंद शर्मा और गौर सिद्धार्थनम सोसायटी के अरूण सिंह कहते हैं कि सारा कूड़ा निगम पास के खाली प्लॉटों में डाल देता है। इससे बदबू आती रहती है। गर्मी में इसे जला दिया जाता है, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है और बारिश के मौसम में बदबू आती है। यहां दो से तीन-चार बीएचके तक फ्लैटों की कीमत 65 लाख से शुरू होकर तीन करोड़ तक है, लेकिन हम बदबू में जी रहे हैं।

नाला सफाई के लिए निगम आयुक्त को पत्र लिखा है : विधायक संजीव

भाजपा विधायक संजीव शर्मा का कहना है कि हमने शहर की नाला सफाई के लिए नगर आयुक्त से बात की है और पत्र भी लिखा है। जल्दी ही शहर के सारे नाले साफ किए जाएंगे। मानसून से पहले यह काम कर लिया जाएगा।

जहां डंपिंग ग्राउंड बनाने की बात होती है, वहीं पर विरोध होने लगता है : महापौर

महापौर सुनीता दयाल का कहना है कि जहां कूड़े के डंपिंग ग्राउंड बनाने की बात की जाती है, वहीं के लोग विरोध करने लगते हैं, इसलिए परेशानी आ रही है। कई प्रस्ताव बनाए गए हैं। लोग केवल निगम की गाड़ियों को ही कूड़ा दें, प्राइवेज एजेंसी या ठेकेदार से कूड़ा न उठवाएं, यह लोग इधर-उधर फेंक देते हैं, जिससे गंदगी फैलती है। निगम की गाड़ियां उसे डंपिंग स्टेशन तक ले जाती हैं। निवासियों का सहयोग जरूरी है।

31 जुलाई तक अलग करें गीला-सूखा कूड़ा : कर्नल टीपीएस त्यागी
फ्लैट ऑनर्स फेडरेशन के चेयरमैन कर्नल टीपीएस त्यागी (सेवानिवृत्त) का कहना है कि हर सोसायटी 31 जुलाई तक अपने यहां गीला-सूखा कूड़ा अलग करें। सोसायटियों में कूड़े के निस्तारण के लिए निगम की ओर से प्रशिक्षण देना चाहिए, ताकि वह इस काम को खुद कर सकें, अभी यह काम कैसे करना है, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

सिद्धार्थ विहार की बहुमंजिला इमारतेंप्रतीक ग्रांड सोसायटी, अपैक्स क्रेमलिन, एसजी शिखर हाईट्स, गौर सिद्धार्थम, फ्लोेरेंस, गंगा यमुना सोसायटी और ब्रह्मपुत्र एन्क्लेव।

हम-तुम रोड पर बसीं सोसायटिंया
दीया ग्रीन, मोती रेजीडेंसी, मिडोज विस्ता, महक जीवन, संचार एक्रेड, निलाया ग्रीन, राजविलास, मिसगुन आदि।

राजनगर एक्सटेंशन की सोसायटियां
ऑफिसर्स सिटी-एक, ऑफिसर्स सिटी-दो, केडब्ल्यू सृष्टि, पॉर्म रिजॉर्ट, अजराना, क्लासिक, व्रेबहॉर्ट, केडीपी सवाना, रिवर हाईट्स, क्लासिक रेजीडेंसी आदि।

क्रॉसिंग रिपब्लिक
जीएच-7, सुपरटेक, महागुन, ऐश माउंट, गौर विलेज बड़ी सोसायटियां हैं।