अथॉरिटी के खिलाफ किसानों का आंदोलन, इन मांगों को लेकर जुटे अन्नदाता
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। अब अपनी मांगों को लेकर 40 गांव के अन्नदाता अथॉरिटी के खिलाफ उतर आए हैं। किसान पिछले 20 दिन से प्राधिकरण कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। आंदोलन में किसानों को विभिन्ना आरडब्ल्यूए, किसान संगठन, राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है। किसान सभा संगठन के नेतृत्व में किसान आंदोलन कर रहे हैं। वहीं, किसानों के इस प्रदर्शन से आम लोगों को आने-जानें में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों की मांग है कि उन्हें नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा, 10 प्रतिशत आबादी भूखंड, 17.5 प्रतिशत कोटा, लीजबैक, प्राधिकरण की भूखंड परियोजना में, शिफ्टिंग पॉलिसी, रोजगार आदि मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
वहीं, किसानों ने पुलिस व प्रशासन पर किसान नेताओं को घरों में ही नजरबंद करने का आरोप लगाया है। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे किसान सभा के प्रवक्ता डाक्टर रूपेश वर्मा ने बताया कि पुलिस ने किसान नेता सुनील फौजी को घर पर ही नजरबंद कर दिया। आरोप लगाया कि किसानों के अपने मुद्दों को लेकर जागरूक और गोलबंदी को देखकर प्राधिकरण और प्रशासन सकते में है। अधिकारी घबरा गए हैं। सूबेदार ब्रह्मपाल ने कहा कि क्षेत्र के सभी किसान गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों की नीयत मुद्दों को लेकर बिल्कुल भी साफ नहीं है इसी क्रम में किसान सभा की सभी गांव कमेटियों ने तय किया है कि 15 मई को हजारों की संख्या में प्राधिकरण पर विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा।