बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट पर पप्पू यादव ने बाजी मार ली है। इस सीट पर उनकी मेहनत रंग लाई है। यहां कई घंटों तक कांटे की टक्कर चल रही थी। लेकिन अंत में निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव की जीत हो गई।। यहां आरजेडी की बीमा भारती मैदान में थीं। इसके अलावा एनडीए की तरफ से जेडीयू के संतोष कुमार कुशवाहा किस्मत आजमा रहे थे।

जीत के बाद पप्पू यादव मीडिया के सामने आकर बोलते समय भावुक हो गए। पप्पू यादव ने कहा कि हम एक बेटा और मां दोनों की भूमिका निभाएंगे। हम पूर्णिया की माता-बहनों की भलाई के लिए काम करेंगे। कोशी-सीमांचल को एक नंबर बनाने के लिए मेरे जीवन का एक-एक कतरा क्यों न बह जाए, लेकिन मैं इसे करके रहूंगा।

पप्पू यादव ने कहा कि हम पूर्णिया को दुनिया में नंबर वन बनाएंगे। पप्पू यादव ने नीतीश कुमार से इंडिया को मदद करने की अपील की।

पप्पू यादव ने किया ट्वीट

पप्पू यादव ने जीत के बाद ट्वीट किया और लिखा 

प्रणाम पूर्णिया, सलाम पूर्णिया, जोहार पूर्णिया

सबको दिल से बहुत-बहुत आभार! ज़ोरदार ज़िन्दाबाद पूर्णिया

पूर्णिया में 2024 का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के नाम

अरूण दास, बहुजन समाज पार्टी

पप्पू यादव , निर्दलीय

बीमा भारती , राष्ट्रीय जनता दल

संतोष कुमार , जनता दल (यूनाइटेड)

किशोर कुमार यादव, ऑल इण्डिया फॉरवार्ड ब्‍लॉक

नौमान आलम, निर्दलीय

सत्येन्द्र यादव, निर्दलीय

2004 से भाजपा व जदयू का दबदबा, 40 वर्षों से हाथ खाली

पूर्णिया जिले का पूर्व में चंगाल तक विस्तार होने के कारण यह मिश्रित संस्कृति वाला क्षेत्र है। यह कालजयी कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की माटी है। तीन वार मुख्यमंत्री रहे स्व. भोला पासवान शास्त्री, भूतपूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा. लक्ष्मीनारायण सुधांशु जैसी हस्तियों ने राजनीति के क्षेत्र इसकी अलग पहचान दिलाई है।

1952 में अस्तित्व में आया यह संसदीय क्षेत्र प्रारंभ में पूर्णिया सेंट्रल सीट कहलाती थी। 1977 से पहले यहां कांग्रेस का एकक्षत्र राज हुआ करता था। भारतीय लोकदल के लखन लाल कपूर ने 1977 में कांग्रेस का विजयी स्थ रोका था। 1980 में कांग्रेस ने फिर इस पर जीव का परचम लहराया। 40 वर्षों से पूर्णिया में कांग्रेस के हाथ खाली हैं।