दिल्ली। चार्टर्ड अकांउटेंट यानी सीए बनने का ख्वाब तो बहुत से लोग देखते हैं, मगर इसे पूरा करना सबके बस की बात नहीं। बेहद लंबे और कठिन सिलेबस को देखकर कई लोग तो पहले ही हार मान लेते हैं। दुनिया की कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाने सीए की परीक्षा पास करने में ही कई बार सालों लग जाते हैं और कई छात्र तो ढेरों प्रयास के बावजूद भी इसे पास ही नहीं कर पाते हैं। कइयों की तो परीक्षा देते-देते काफी उम्र ही निकल जाती है, मगर भारत की नंदिनी ने महज 19 साल की उम्र में सीए बनकर इतिहास रच दिया है। ऐसा करके वह दुनिया की सबसे कम उम्र की सीए बन गई हैं।

मध्यप्रदेश की रहने वाली हैं
नंदिनी अग्रवाल मध्यप्रदेश की रहने वाली हैं। वह बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थीं। उन्होंने 13 साल की उम्र में दसवीं और मात्र 15 साल की उम्र में बारहवीं कक्षा की परीक्षा उत्तम अंको के साथ विक्टर कॉन्वेंट स्कूल से उत्तीर्ण की। वर्ष 2021 में सीए फाइनल की परीक्षा में उन्होंने 800 में से 614 अंक प्राप्त किए और लगभग 83000 उम्मीदवारों में पहला स्थान हासिल किया।

सोशल मीडिया से बनाए रखी दूरी
परीक्षा के दौरान नंदिनी ने सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाए रखी और ऑनलाइन मध्यम से पढ़ाई की। इसके साथ ही 3 साल तक किसी भी कार्यक्रम या गतिविधियों में हिस्सा नहीं लिया। नंदिनी की तैयारी में हमेशा उनके बड़े भाई ने खूब समर्थन दिया। नंदिनी की सफलता में उनके परिवार की अहम भूमिका रही।

कम उम्र को देखते हुए छोटी कंपनियां भी इंटर्नशिप कराने को तैयार नहीं थीं
नंदिनी बताती हैं कि मैं इतनी कम उम्र की थीं कि शुरुआत के दिनों में इंटर्नशिप करने में काफी कठिनाई हुई। 16 साल की उम्र को देखते हुए छोटी कंपनियां भी मुझे लेने के लिए तैयार नहीं थीं। उन्होंने बताया कि इस तरह की असफलताओं ने मुझे उनसे आगे निकलने के लिए और अधिक दृढ़ बना दिया। उन्होंने बताया कि मॉक टेस्ट में अक्सर मेरे नंबर अच्छे नहीं आते थे, जिससे वह हताश हो जाती थीं, लेकिन फिर अपने भाई और परिवार से प्रेरणा लेकर अपने लक्ष्य को पूरा करने में दिन-रात लगी रहती थीं।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर देखकर रिकॉर्ड बनाने की ठानी
नंदिनी बस सपने देखने में नहीं बल्कि उसे पूरा करने में भी यकीन रखती हैं। दरअसल एक बार उनके स्कूल में एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर आए, उनकी पॉपुलैरिटी देख नंदिनी ने भी ठान लिया कि उन्हें भी ऐसा रिकॉर्ड जरूर बनाना है। बस फिर क्या था, उन्होंने उनसे प्रेरणा लेकर सबसे कम उम्र में सीए बनने का लक्ष्य रखा और उसे पूरा भी कर लिया।

मध्य प्रदेश के मुरैना की हैं  निवासी
नंदिनी मध्यप्रदेश के मुरैना की निवासी हैं। उन्होंने अपनी कामयाबी से मुरैना की पहचान ही बदल कर रख दी है। दरअसल मुरैना-चंबल पहले डकैतो, चोरों और लूटपाट का गढ़ माना जाता था, लेकिन इस क्षेत्र को लोग अब नंदिनी के नाम से जानते हैं। नंदिनी की इस उपलब्धि पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर उन्हें बधाई दी।