गाजियाद। शहर की सदर सीट पर हो रहे उपचुनाव में आम आदमी पार्टी उपेक्षा का ​शिकार हो रही है। कहने को तो पार्टी का सपा से गठबंधन है लेकिन पार्टी के पदा​धिकारी व कार्यकर्ता चुनाव में प्रचार के दौरान कहीं नजर नहीं आई। 
दरअसल पार्टी के जिला अध्यक्ष सचिन शर्मा थे, लेकिन अब उनके पास यह कार्यभार नहीं है। इस समय पार्टी का सदस्यता अ​भियान चल रहा है, जो चार दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद ही नया अध्यक्ष चुना जाएगा। इस संबंध में प्रांतीय उपाध्यक्ष चेतन त्यागी ने बताया कि एक महीने तक यह अ​भियान चलेगा। उसके बाद ही अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया चलेगी। अध्यक्ष न होने के  कारण भी उपचुनाव में पार्टी की कोई सक्रियता नहीं दिख रही है। सूत्रों की मानें तो सपा में नाम की घोषणा के बाद जिलाध्यक्ष या प्रत्याशी ने न कभी आम आदर्मी पार्टी के न किसी पदा​धिकारी से बात की, ना ही उन्हें बुलाया, इसलिए पार्टी के कार्यकर्ता नहीं  जा रहे हैं। 
इस संबंध में पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता अ​रु​णिमा ​श्रीवास्तव ने बताया कि हमारा सपा से गठबंधन है तो हमारे वोट उनके साथ हैं लेकिन साथ देने के लिए बुलाना तो पड़ता ही है। इस संबंध में सपा के मुख्य चुनाव प्रभारी राकेश यादव का कहना है कि आप हमारे साथ है। उनके कार्यकर्ता फील्ड में लगातार काम कर रहे हैं। हालांकि उनके एक पदा​धिकारी ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि गठबंधन है तो बुलाने की क्या जरूरत है, खुद ही आना चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि अगर दूसरे दलों के लोग आएंगे तो उनके पेट्रोल आदि का खर्चा कौन वहन करेगा, यह भी एक सवाल है। ऐसे में यही प्रतीत होता है कि जिन दलों में अभी उठापटक चल रही है, बड़ी पार्टियों ने उनसे गठबंधन तो कर लिया, लेकिन उन्हें किनारे लगा रखा है।