दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले से 36 साल से भटक रहे शख्स को बड़ी राहत मिली, जो इतने सालों से अपना फ्लैट पाने के लिए भटक रहा था. उसने 36 साल पहले फ्लैट के लिए पैसे दे दिए थे, लेकिन उसे फ्लैट आवंटित नहीं किया गया था. अब उसे इस मामले में राहत मिली और कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को निर्देश देते हुए कहा कि दो महीने के अंदर व्यक्ति को उसी भुगतान पर फ्लैट आवंटित किया जाए.

दरअसल, शख्स ने याचिका देते हुए बताया था कि वह 1986 में 39 साल पहले प्रतिवादी सोसाइटी का सदस्य बना था. इसके अगले साल यानी 1987 में सोसाइटी की ओर से बिक्री प्रमाण पत्र जारी किया गया था. फिर सोसाइटी को दिल्ली विकास प्राधिकरण से जमीन मिल गई. इसके बाद याचिका देने वाले शख्स ने बताया कि उसने 1989 में उसी सोसाइटी में फ्लैट के लिए 2 लाख 15 हजार जमा कराए थे, लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी अब तक उन्हें फ्लैट का आवंटन नहीं किया गया.

हाईकोर्ट ने RCA और DDA को निर्देश दिए

अब याचिकाकर्ता को 1989 में जिस फ्लैट के लिए उसने पैसे जमा कराए थे. हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए DDA को उसी सोसाइटी में और उसी वर्ग के फ्लैट का याचिकाकर्ता को दो महीने के अंदर फ्लैट आवंटित करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार कॉपरेटिव सोसाइटी (RCA) को भी निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता के फ्लैट को मंजूरी दे और फाइल DDA को भेजे.

पहले भी 2 बार किया हाईकोर्ट का रुख

हाईकोर्ट की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता पहले ही बहुत भटक चुका है और अपने हक के लिए पहले ही बहुत इंतजार कर चुका है. अब उसे और इंतजार कराना ठीक नहीं है. याचिकाकर्ता ने दो बार पहले भी इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन दोनों बार उसके डॉक्यूमेंट्स की जांच के नाम पर मामले में फैसला नहीं हो पाया. हालांकि इस बार कोर्ट के फैसले से याचिकाकर्ता ने राहत की सांस ली.

याचिकाकर्ता को फ्लैट देना का आदेश

कोर्ट की ओर से DDA और RCA को याचिकाकर्ता को फ्लैट देना का आदेश दे दिया गया. इसके साथ ही कहा गया कि इस समय सोसाइटी में रख रखाव की जितनी रकम बनती है याचिकाकर्ता उसका भुगतान कर दें. इसके बाद RCA मंजूरी देगा और पत्र जारी कर देगा. फिर जो भी प्रक्रिया है DDA उसे पूरी करेगा और याचिकाकर्ता 36 साल पहले किए गए भुगातन पर ही फ्लैट दे दिया जाएगा.