ट्रंप और चीन के बीच व्यापारिक तनाव में राहत, ट्रेड गैप घटाने पर सहमति
व्हाइट हाउस ने रविवार को चीन के साथ व्यापार समझौते (ट्रेड डील) की घोषणा की. हालांकि समझौते के बारे में तत्काल जानकारी नहीं दी गई है. अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट का कहना है कि उन्होंने चीन के साथ बैठकों के बाद एक समझौता किया है. उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका अपना व्यापार घाटा कम कर पाएगा. हालांकि, उन्होंने समझौते के बारे ज्यादा कुछ जानकारी नहीं दी.
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि हम कितनी जल्दी समझौते पर पहुंचने में सक्षम थे, जो दर्शाता है कि शायद मतभेद उतने बड़े नहीं थे जितना कि सोचा गया था. ऐसा कहा जा रहा है, इन दो दिनों में बहुत सारी जमीनी तैयारी की गई थी. फिलहाल चीन की ओर से कोई बयान नहीं आया है.
क्या बोले अमेरिका-चीन?
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि बड़ी प्रगति हो रही है. चीन और अमेरिका जिनेवा में चर्चा के दूसरे और अंतिम दिन बातचीत कर रहे हैं. बीजिंग ने अभी तक सीधे तौर पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन इसकी आधिकारिक ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि चीन ‘किसी भी ऐसे प्रस्ताव को खारिज करेगा, जो मूल सिद्धांतों से समझौता करने का दबाव बनाता हो या ग्लोबल इक्वलिटी के व्यापक उद्देश्य को कमजोर करता हो.
क्या है बातचीत का मकसद?
फिर भी, ट्रंप ने रविवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि बड़ी प्रगति हो रही है. उन्होंने कोई और जानकारी नहीं दी. व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने भी बहुत कम जानकारी दी. बातचीत को गुप्त रखा गया है और शनिवार को वापस जाते समय दोनों पक्षों ने पत्रकारों से कोई बातचीत नहीं की. इस बातचीत का मकसद दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को नुकसान पहुंचाने वाले विवाद को कम करना है.
चीनी डेलिगेशन के साथ बातचीत
अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर चीन के वाइस प्रीमियर ही लाइफेंग के नेतृत्व में एक चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की है. इस बातचीत से कोई बहुत बड़ा नतीजा सामने आने की उम्मीद कम है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देश भारी भरकम शुल्क में कटौती कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो इससे दुनिया भर के वित्तीय बाजारों और अमेरिका-चीन व्यापार पर निर्भर कंपनियों को राहत मिलेगी.
चीन ने भी जवाबी कदम उठाए
आयात पर हाई टैरिफ लगाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद चीन ने भी जवाबी कदम उठाए और दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन गई. ट्रंप के टैरिफ लगाने के बाद अप्रैल में चीन ने भी जवाब में अमेरिका पर शुल्क लगाने की घोषणा की थी. अब चीन के खिलाफ अमेरिका का शुल्क 145 प्रतिशत है जबकि अमेरिका पर चीन ने 125 प्रतिशत शुल्क लगा रखा है.