दिल्ली। यूपी में एक ऐसा गांव है, जिसका नाम लेने में महिलाओं को शर्म आती है तो पुरुष हंसते हैं। यह गांव सुल्तानपुर में ​स्थित है। शर्म के कारण महिलाएं शादी के बाद पते के रूप में गांव का नाम न बताकर प्रतापगंज बाजार को पते के तौर पर बताती हैं। 
यह गांव उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के भदैंया ब्लॉक के अंतर्गत आना वाला बालमपुर गांव है। यह शहर मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर दूर दुर्गापुर बाजार से थोड़ी दूर पर भदैयां ब्लॉक के अंतर्गत स्थित है। स्थानीय लोगों के मुताबिक बहुत पहले तीन भाई हुआ करते थे, जिसमें एक का नाम पूरन, दूसरे का नाम बालम और तीसरे का नाम महेश था। ये तीनों अलग-अलग जगह जाकर बस गए। आजादी के बाद जिस गांव में पूरन जाकर बसे उसे पूरनपुर, जिस गांव में महेश जाकर बसे उसे महेशुआ और जिस गांव में बालम जाकर रहने लगा उस गांव का नाम बालमपुर पड़ गया।

पहले खूब चर्चा होती ​थी
लोगों के मुताबिक पहले इस गांव के नाम को लेकर खूब चर्चाएं होती थीं। बालमपुर को लेकर पहले लोग बहुत चिढ़ाते थे, लेकिन धीरे-धीरे आदत पड़ गई और अब किसी को बुरा नहीं लगता। 

पुरखों की धरोहर मानते हैं गांववासी
गांववाले इसका नाम नहीं बदलना चाहते, उनका कहना है कि हमारे जिन पुरखों ने इस धरती पर अपना पूरा जीवन बिताया, तो यह उनकी धरोहर है। बालमपुर गांव के नाम पर हम सब गर्व महसूस करते हैं।