रंजीता सिंह

दिल्ली। अभी कुछ महीनों पहले जब एक 70 साल की बुजुर्ग महिला ने तलाक की अर्जी कोर्ट में डाली तो जज साहब भी हैरत में पड़ गए और एक सवाल पूछा कि इस उम्र में तलाक। ​महिला झट बोली, सालों चिक-चिक में कट गए, अब शांति से जीना चाहती हूं। यह खबर अखबारों की खूब सु​​​र्खियां बनी, लेकिन यह आज की हकीकत है। अदालतों में 50 की उम्र पार कर चुके जोड़ों की तलाक की अर्जियों की लंबी लाइन है। इस ग्रे तलाक कहा जा रहा है यानी बाल पकने की उम्र में तलाक। कई जोड़ो में तो रोज से झगड़ों से तंग आकर बच्चे खुद माता-पिता को अलग होने की सलाह दे रहे हैं। फेसबुक पर आप ऐसी ढेरों कहानियां प्रतिदिन पढ़ सकते हैं। 
गाजियाबाद परिवार न्यायालयों के आंकड़ों पर गौर डालें तो कई जोड़ों ने सेवानिवृत्त के बाद तलाक लिया है। उम्रदराज दंपती विवाह विच्छेद की अर्जी लेकर काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। इस संबंध में परिवार न्यायालय में तलाक के मुकदमों की पैरवी करने वाले अ​धिवक्ता डॉ. राजकुमार चौहान कहते हैं कि बीते छह महीनों में ग्रे तलाक के 50 से अ​धिक मामले दर्ज हुए हैं। वह कहते हैं कि यह संख्या पहले की तुलना में दुगुनी हो गई है। देश के अ​धिकतर न्यायालयों में कमोवेश यही ​​स्थिति है। इस संबंध में  परिवार के मामलों की काउंसिलिंग करने वाले परमानंद गौड़ कहते हैं कि संवादहीनता और संवदेनशीलता रिश्ते टूटने की वजह बन रही है। जिस उम्र में हमें एक दूसरे के भावनात्मक सपोर्ट की जरूरत होती है, उस समय वह नहीं मिलता तो और अकेलापन महसूस करते हैं और अलग होने का फैसला कर लेते हैं। कई दंप​ती घर-परिवार, सामाजिक दबाव, कैरियर और बच्चों के चक्कर में रिश्तों को ढोते रहते हैं, लेकिन बढ़ती उम्र में वह इस दबाव से मुक्त हो जाते हैं। कैरियर बन चुका होता है, बच्चे सेंटल हो चुके होते हैं और आ​र्थिक मजबूती भी आ चुकी है। कौन क्या कहेगा, इसका भी फर्क नहीं पड़ता। इस कारण वह अब प्र​तिदिन की चिक-चिक से निकलकर शांति से जीवन बिताना चाहते हैं।  

बुढ़ापे में मार-पिटाई, गाली-गलौज नहीं झेल सकती 
जीवन बीमा निगम में दिल्ली में एक उच्च अ​धिकारी ने पत्नी को तलाक देकर 54 लाख रुपये भरण-पोषण के लिए दिए। वसुंधरा की एक बुजुर्ग ने कहा कि आज तक पति की दुत्कार, गाली-गलौज और पिटाई झेली, अब नहीं झेलना चाहती। उनके दो बेटे हैं, दोनों की अपने पैरों पर खड़े हो चुके हैं। अब उन्हें शांति चाहिए। 

शादी के 20 साल बाद तलाक की अर्जी 
दिल्ली सरकार में अ​धिकारी ​महिला ने शादी के 20 साल बाद तलाक की अर्जी दी है। इस संबंध में एमएसजी अस्पताल की क्लीनिकल साइको​लॉजिस्ट डॉ. चंदा यादव का कहना है कि भावनात्मक जुड़ाव की कमी, एक दूसरे को ना समझना इसका मुख्य कारण है। पहले तो हम घर-गृहस्थी बचाने के नाम पर सब कुछ झेल लेते हैं। उसके बाद बच्चे होने पर उनकी परवरिश के लिए दंपती जुड़े रहते हैं, लेकिन 50 के बाद आप करीब-करीब सभी दायित्वों से मुक्त हो जाते हैं। आजकल महिला-पुरुष दोनों आत्मनिर्भर हैं तो अलग होने का फैसला आसानी से ले लेते हैं। बाद का जीवन सभी शांति से जीना चाहते हैं। 

बच्चों ने ही कराया अलग 
65 साल की सुनैना को बच्चों ने ही पति से अलग करा दिया। उनके अनुसार रोज की चिक-चिक से बच्चे परेशान रहते थे और अब वह कमाने लगे हैं। ऐसे में दोनों को कानूनी रूप से अलग करके अलग रहने का फैसला कराया, ताकि घर में शांति रहे। दोनों का खर्चा बच्चे उठाते हैं। 

क्या होता है ग्रे तलाक
बाल पकने की उम्र में तलाक को ग्रे तलाक कहते हैं। सोशल मीडिया में यह शब्द बहुत सुनने को मिल रहा है। इसका मतलब है बुजुर्ग दंपतियों का तलाक लेना, यानी जिन दंपतियों ने कई सालों तक साथ बिताए हैं, वे अपनी शादी को तोड़ने का फैसला ले रहे हैं। इस तरह के तलाक में दंपतियों की उम्र 50 साल या उससे ज्यादा होती है।

संवादहीनता और असंवेदनशीलता बन रही वजह
कम्युनिकेशन गैप, बढ़ती दूरियां और आपसी तालमेल की कमी जैसी बातें इसका संकेत हैं कि शायद पति-पत्नी एक-दूसरे से दूर हो रहे हैं। जब बच्चे घर से चले जाते हैं तो ये भावनाएं और तेज हो सकती हैं, जिससे दंपति के बीच तलाक की स्थिति बन सकती है। कई बार एक के बीमार होने पर दूसरे का नजरअंदाज करना भी इसका मुख्य कारण है।​ जिस उम्र में प्यार, सम्मान और संवेदनशीलता की जरूरत दोनों को होती है, उस समय एक-दूसरे को नजरअंदाज करना रिश्ते पर भारी पड़ जाता है। पहले घर-परिवार के चक्कर में दंपती इस पर ध्यान नहीं देते, मगर बच्चों के बड़े हो जाने पर छोटी-छोटी बातों पर विवाद बढ़ जाता है। इस कारण कई बार दंपती का झुकाव दूसरे रिश्तों में भी हो जाता है, जो अलगाव की वजह बनता है। 

कैसे करें समाधान 
1-अगर कोई समस्या है तो काउंसलिंग लेना बेहतर रहेगा। 
2-अपने साथी के साथ खुलकर बातचीत करें और अपनी समस्याओं को शेयर करें।
3-अपने पुराने शौक पूर करें जैसे गाना-बजाना आदि। एक्टिविटीज आदि में शामिल होकर खुद को व्यस्त रखें। 
4-दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं। उनसे खुलकर बातचीत करें।
5-अपनी सेहत का ख्याल रखें और स्वयं पर ध्यान दें।
6-बातों को नजरअंदाज करना सीखें। 
7-इस उम्र में एक दूसरे पर रोक-टोक ना करें। जीएं और जीने दें। 
8-अगर एक दूसरे से उब गए हैं तो एक दूसरे को स्पेस दें। अकेले दोस्तों या परिवार संग घूमने जाएं।