कॉन्स्टेबल पति को सलाम ठोंकते देख पत्नी ने आईपीएस बनने की ठानी, लेडी सिंघम के नाम से हैं मशहूर

दिल्ली। कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। कुछ ऐसा ही कर दिखाया लेडी सिंघम के नाम से मशहूर आईपीएस आईपीएस एन. अंबिका ने। तमिलनाडु की रहने वालीं अंबिका जब महज 14 साल की थीं, तभी उनकी शादी हो गई। उनके पति कांस्टेबल थे। 18 की उम्र में वह दो बच्चों की मां बन चुकी थीं। एक घटना ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी और वह गृहणी से आईपीएस बन गईं।
गणतंत्र दिवस समारोह से मिला जीवन का मकसद
एक बार अंबिका पति के साथ गणतंत्र दिवस समारोह देखने गई थीं। यहां उन्होंने देखा कि उनके पति अपने अधिकारियों को सैल्यूट कर रहे हैं। यह देख अंबिका उन्होंने पूछा कि आखिर वे कौन थे, जिन्हें आप सैल्यूट कर रहे थे। पति ने बताया कि वे उनके सीनियर अधिकारी हैं, जो आईपीएस हैं। इस समय तक अंबिका को नहीं मालूम था कि आईपीएस कौन होते हैं, इस पद तक कैसे पहुंचा जा सकता है, आईपीएस बनने के लिए कितना पढ़ना पड़ता है? ये तमाम सवाल अंबिका के दिमाग में कौंधते रहे। अगले दिन उन्होंने पति से इस बारे में पूछा तो उन्होंने विस्तार से सबकुछ समझाया। फिर क्या था, अंबिका ने भी आईपीएस बनने की ठान ली। अब दिक्कत यह थी कि वह 10वीं भी पास नहीं थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और एक प्राइवेट संस्थान से 10वीं-12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद ग्रेजुएशन किया। फिर सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए कोचिंग करने चेन्नई चली गईं।
चौथे प्रयास में हुईं सफल
यूपीएससी की तैयारी के दौरान अंबिका को पति का उनका भरपूर सहयोग मिला। वह अपनी ड्यूटी के साथ दोनों बच्चों को भी संभालते रहे। अंबिका परीक्षा में तीन बार असफल हुईं, लेकिन निराश नहीं हुईं। उनके पति थोड़ा हतोत्साहित जरूर हुए और उन्हें घर लौट आने को कहा। इस पर अंबिका ने एक और मौका मांगा और चौथी बार साल 2008 में आईपीएस ऑफिसर बन गईं। अंबिका को महाराष्ट्र में पहली पोस्टिंग मिली। फिलहाल वह मुंबई में डीसीपी की पोस्ट पर कार्यरत हैं, जिन्हें अब लेडी सिंघम के नाम से जाना जाता है। अंबिका की कहानी ना केवल नौजवानों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती, बल्कि यह भी बताती है कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें क्यों ना आ जाएं, आपको अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटना है।