कुंभ लाइव : दो दिन बाकी, भारी भीड़ है जारी, धराधायी हो चुकी है व्यवस्था

दिल्ली। कुंभ मेले में मात्र दो दिन शेष बचे हैं। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के साथ ही यह मेला भी खत्म हो जाएगा। लोगों का मानना था कि 15 फरवरी के बाद भीड़ कम हो जाएगी, मगर ऐसा हो न सका और यह भीड़ उसके बाद भी जस की तस बनी है। जो लोग सोच रहे थे कि भीड़ कम होने के बाद कुंभ स्नान करने जाएंगे, ऐसी सोच वालों की संख्या भी काफी अधिक थी, जिसके कारण भीड़ जारी है और ऐसे लोग अब स्नान के लिए भारी संख्या में निकल रहे हैं। हम भी शुक्रवार को यही सोचकर कुंभ पहुंचे और देखा कि भीड़ का रेला का रेला चला जा रहा है। पैर रखने तक की जगह नहीं है। साथ ही हमने देखा इंतजाम, जिसमें हमें कई खामियां नजर आईं। हर तरफ उड़ती धूल और गंदे पड़े शौचालय इसकी गवाही दे रहे थे। आने-जाने का एक ही रास्ता और उसी रास्ते पर जाते वीआईपी वाहन भीड़ को और अधिक बढ़ा रहे थे। जिसकी व्यवस्था शायद अलग की जानी चाहिए थी।
अगर आप दिल्ली से प्रयागराज जाते हैं तो इसके दो रास्ते हैं। एक रास्ता यमुना और आगरा एक्सप्रेसवे पकड़कर जाने का और दूसरा ग्रांड ट्रंक यानी जीटी रोड से जाने का है। जीटी रोड पर ट्रैफिक अधिक है और कानपुर से जाम की अधिक संभावना है। एक्सप्रेसवे पर प्रयागराज के आसपास ही जाम है, बाकी जगह कम है, पर इस पर टोल काफी अधिक है। आने-जाने के लिए आपको कम से कम पांच हजार का टोल टैक्स देना होगा। प्रयागराज में प्रवेश के लिए एक रास्ता झूंसी जाने का दूसरा रास्ता शहर के अंदर से घाट तक जाने का है। नदी के दोनों ओर संगम घाट और वीआईपी घाट बने हैं। शहर से अंदर जाने वाले रास्ते से आप जिस घाट पर पहुंचेंगे, वहां से संगम नोज पर भारी भीड़ है। यहीं पर गंगा-यमुना आपको मिलती नजर आएंगी। दोनों ओर से वीआईपी घाट से आपको बोट संगम नोज तक ले जाएगी और स्नान कराकर वापस लाएगी। अगर आप साधारण मनुष्य हैं तो संगम नोज की भारी भीड़ के बीच स्नान करना होगा अन्यथाा गंगा या यमुना में ही डुबकी लगाकर लौट जाना होगाा। किनारे पर पानी काफी गंदा है और सिर्फ घुटनों तक है। यहां आपका डुबकी नहीं लगा पाएंगे। झूंसी की तरफ केवल गंगा हैं, जबकि सभी उसे भी संगम समझकर आए हैं। स्थानीय निवासी प्रवीन ने बताया कि शहर के तरफ से केवल यमुना बह रही हैं और झूंसी की ओर से केवल गंगा बह रही हैं। बीच में संगम नोज पर यह दोनों मिल रही हैं। एक त्रिवेणी घाट भी है, हालांकि सरस्वती के विलुप्त होने के कारण इसे भी आप संगम घाट ही समझिए। प्रवीन ने बताया कि कई लोग संगम समझकर केवल यमुना तो कई गंगा में ही स्नान करके चले गए। इस भीड़ में हालांकि इस बात का कोई महत्व नहीं है लेकिन जो लोग संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमाने आए थे, उन्हें केवल नदी में स्नान करके ही संतोष करना पड़ा। खैर हमारी व्यवस्था तो वीआईपी घाट पर हो गई तो हम बोट से संगम में स्नान कर पाए। उसके बाद ही हमें इस बारे में पूरी जानकारी मिल सकी।
शौचालयों में पड़ी है गंदगी
पूरा मेला क्षेत्र कई सौ किमी क्षेत्र में फैला है। उसे देखकर अंदाजा लगा कि जब यहां एक दिन में सात से आठ करोड़ लोग आए होंगे तो 50 किमी तक पैर रखने की जगह नहीं रही होगी। हर जगह शौचालय बनाए गए थे, लेकिन उनमें सफाई न होने के कारण बदबू आ रही थी और तब यह शायद कम पड़ गए होंगे। 15 फरवरी के बाद मेला सिमटने के बाद भी इन शौचालयों की सफाई नहीं की गई थी, जिसके कारण हर तरफ बहुत ज्यादा बदूब आ रही थी। नदी के ऊपर सिग्नेचर पुल बनाने का काम चल रहा है। जिसके कारण हर तरफ धूल उड़ती नजर आई। शहर के अंदर बालसर चौराहे से लेकर गंगा घाट तक भीषण जाम था। हमारी प्रेस की गाड़ी मुश्किल से भीड़ के बीच होते हुए मीडिया कैंप तक पहुंची। इस मौके पर हमने डिजिटल कुंभ देखा, जिसमें समुद्र मंथन की पूरी कहानी बताई गई है। इसके साथ यहां की लाइटिंग देखने लायक है। घाट से निकलते ही आपको लेटे हुए हनुमानजी का मंदिर नजर आया। जहां भारी भीड़ दिखाई देगी। यह मंदिर देश का पहला ऐसा मंदिर हैं, जहां लेटे हुए हनुमानजी की मूर्ति हैं, कहते हैं कि यह खुदाई में मिली। यहां रेलवे लाइन बनाने के लिए इसे कई बार हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन यह नहीं हट सकी। इसके अलावा शहर में घूमने के लिए आनंद भवन, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, चंद्रशेखर पार्क जहां चंद्रशेखर आजाद ने खुद को गोली मारी थी, हाईकोर्ट, यूपी बोर्ड का कार्यालय आदि देखने के प्रसिद्ध स्थान हैं। इसके अलावा कई मंदिर और खूबसूरत पार्क हैं। इस समय पूरे इलाहाबाद को खूबसूरत लाइट्स से सजाया गया है। सड़क के किनारे पेड़ों पर खूबसूरत लाइट्स लगाई गई हैं। जिसे देखकर आप आनंदित हो उठेंगे। हालांकि घूमने का प्रोग्राम आप बाद में बनाएं। इस समय समझदारी इसी में है कि केवल कुंभ में नहाएं और घर लौट आएं। जिन लोगों की कुंभ जाने की प्रबल इच्छा पूरी नहीं हो सकी, वह अपने आसपास की नदी में स्नान कर लें, उनके लिए यही बेहतर रहेगा।
बंद पड़ा है पूरा शहर
कुंभ की वजह से इस समय शहर में सारे व्यापार ठप पड़े हैं। स्थानीय निवासी जगन ने बताया कि सारी दुकानें पिछले एक महीने से बंद पड़ी हैं। ना कोई सामान शहर में आ पा रहा है और ना जा पा रहा है। स्कूल-कॉलेज सब बंद हैं। अब परीक्षा की वजह से खोले गए हैं। केवल खाने की दुकानें चल रही हैं, बाकी सब बंद है। कुछ समय पहले कुंभ मेले की तिथि बढ़ाए जाने की बात सामने आ रही थी, लेकिन स्थानीय निवासी चाहते हैं कि मेला निर्धारित समय पर ही खत्म हो जाए और वह राहत भरी सांस लें। उनका कहना है कि शुरूआत में खूब बढि़या व्यवस्था थी, बाद में बेतहाशा भीड़ के कारण धराशायी हो गई।
पड़ रही है गर्मी
दिल्ली-एनसीआर में जहां मौसम अभी सर्द बना हुआ है, वहीं प्रयागराज में गर्मी पड़ रही है। वहां रात में भी स्वेटर पहनने की आवश्यकता नहीं है।