मौनी अमावस्या के दिन श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से पितरों की आत्मा को मिलती है शांति

दिल्ली। मौनी अमावस्या के दिन पितरों की आत्माशांति और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान समेत कई विशेष उपाय किए जाते हैं। इस दिन गंगा में स्नान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। यह बातें बुधवार को जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने आध्यात्मिक भेंटवार्ता के दौरान भाजपा नेता जय कमल अग्रवाल ने कही और उन्हें आशीर्वाद दिया।
उन्होंने बताया कि महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान बुधवार को मौनी अमावस्या के दिन पड़ा। सनातन धर्म में मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान के कार्य पुण्यफलदायी माने गए हैं, इसलिए दूसरे अमृत स्नान पर अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन का महत्व कहीं अधिक बढ़ गया। दूसरे अमृत स्नान और मौनी अमावस्या के दिन लगभग 10करोड़ श्रद्धालुओं से अधिक लोगों ने त्रिवेणी घाट में डुबकी लगाई। इस साल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 144 वर्षों बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। भाजपा नेता जय कमल अग्रवाल 22 जनवरी से महाकुम्भ मेला क्षेत्र में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में सम्मिलित हैं।