हर बच्चे की बनाई जाएगी अपार आईडी, स्कूलों में चल रहा काम

गाजियाबाद। अब हर बच्चे की अपार आईडी बनाई जाएगी। जिसमें प्रत्येक बच्चे के शैक्षणिक दस्तावेज और स्वास्थ्य कार्ड भी डिजिटल लॉकर में रखे जाएंगे। इसके लिए सरकारी और निजी स्कूलों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसका काम कई स्कूलों में शुरू हो चुका है।
इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव ने बताया कि सरकारी और निजी स्कूलों दोनों में इसके लिए कार्य शुरू हो चुका है। नाबालिग छात्रों के माता-पिता से अनुमति लेकर यह आईडी बनाई जा रही है। उनका कहना है कि कई बार छात्रों के शैक्षिक प्रमाण पत्र इधर-उधर हो जाते हैं। ऐसे में 12 अंकों की यह अपार आईडी बेहद सहायक होगी। इसके डिजिटल लॉकर में बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र से लेकर जब तक वह पढ़ाई करेगा, उसके सभी प्रमाण पत्र रखे जाएंगे। स्कूल और कॉलेज में होने वाले स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट और उनका स्वास्थ्य कार्ड भी इसमें रखा जाएगा। इसके अलावा माइग्रेशन सर्टिफिकेट, ट्रांसफर सर्टिफिकेट, प्रशस्ति पत्र, खेलकूद में भागीदारी, छात्रवृत्ति, सरकारी योजना का मिलने वाला लाभ, पुरस्कार सभी के रिकॉर्ड इसमें रखे जाएंगे। इसके माध्यम से ड्रॉप आउट बच्चों का पता लगाया जा सकेगा और उन्हें दोबारा मुख्यधारा में जोड़ने में भी मदद मिलेगी।
क्या है अपार आईडी
अपार आईडी का मतलब ‘ऑटोमेटेड परमानेंट अकादमिक रजिस्ट्री’ है। यह एक तरह का डिजिटल आईडी कार्ड है। जिसकी मदद से स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र आसानी से अपने शैक्षिक रिकॉर्ड, शैक्षिक उपलब्धियों और शिक्षा संबंधित अन्य सभी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। यह एक आजीवन स्थायी नंबर है। जिसमें छात्र की शिक्षा संबंधित सारी जानकारी और उपलब्धियां रिकॉर्ड होंगी। इस नंबर की मदद से एक स्कूल से दूसरे स्कूल में ट्रांसफर की प्रक्रिया भी आसान होगी और स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का भी पता लगाया जा सकेगा।