गाजियाबाद उपचुनाव : सभी दलों की नजर मुस्लिम और दलित मतदाताओं पर, विकास शून्य

गाजियाबाद। गाजियाबाद उपचुनाव में सदर सीट पर सबसे अधिक मतदाता मुस्लिम और दलित हैं। सभी दलों की नजर इन्हीं पर टिकी हुई है। यही कारण है कि भाजपा ने इस एक सीट पर छह मंत्रियों को प्रचार में उतार रखा है और सीएम खुद दो बार यहां आ चुके हैं। हाल ही जहां उनका रोड शो हुआ, वहीं इससे पहले वह पन्ना प्रमुखों की बैठक लेने भी आए थे। अखिलेश यादव भी यहां कार्यकर्ताओं की बैठक लेने आ चुके हैं।
चार लाख 61 हजार मतदाताओं की इस पर सीट पर करीब 90 हजार मुस्लिम और 1 लाख 10 हजार दलित मतदाता है। ऐसे में इन्हीं मतदाताओं को लुभाने में हर छोटा और बड़ा दल जुटा है। सदर की इस सीट पर प्रताप विहार, विजयनगर, मवई, बागू, कैला भट्टा, मिर्जापुर, पंचवटी, बजरिया, डूंडाहेड़ा, सिहानी गेट, सेन विहार, लाल क्वार्टर, बिहारीपुरा, अकबरपुर सहित करीब 50 मोहल्ले हैं। इनमें से शायद ही किसी मोहल्ले का विकास हुआ है। टूटी सड़कें, बजबजाती नालियां यहां के विकास के नाम को ठेंगा दिखा रही हैं। भाजपा, बसपा, सपा सहित यहां हिंदुस्थान निर्माण दल, आजाद समाज पार्टी, एआईआईएम सहित अन्य कई छोटे दल केवल इन्हीं मोहल्लों में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इन इलाके लोगों का कहना है कि यहां आज तक विकास नहीं हुआ। चुनाव में नेता आते हैं और बाद में भूल जाते हैं। इस बार सभी बड़े दलों के साथ छोटे दल भी आ रहे हैं लेकिन विकास जो कराएगा, उसी को वोट जाएगा। यहां स्कूल, अस्पताल नहीं हैं। सड़कें टूटी हैं। स्ट्रीट लाइट न होने से रात में सड़कों पर अंधेरा छा जाता है। घर से निकलने में डर लगता है, लेकिन कई नेता आए गए पर आज तक विकास नहीं हुआ।