गाजियाबाद। दिवाली पर जहां घर-घर में सफाई करके मां लक्ष्मी का आह्वान किया जाता है, वहीं इस बार दिवाली पर गाजियाबाद में हर तरफ कूड़े के ढेर ही दिखाई दिए। कारण, 1976 में ​बने जिले को आज तक डंपिंग स्टेशन नहीं मिल पाया है, इसलिए इधर का कूड़ा उधर और उधर का कूड़ा इधर फेंक दिया जाता है। हद तो जब हो गई, जब साहिबाबाद में तो दिवाली और छठ पर भी कूड़ा नहीं उठा। लोग अ​धिकारियों और पार्षदों को फोन करते रहे और वह कूड़ा फेंकने की जगह न होने का हवाला देते रहे। उनका कहना था कि पूरे जिले की समस्या है। 
वॉर्ड 96 के पार्षद अनिल निगम कहते हैं कि शहर का कूड़ा नंदग्राम में रेतमंडी में जाता है। वहां जगह कम है और कूड़ा अधिक निकलता है। यहां रास्ता भी संकरा है। जो गाड़ी एक बार जाती है, वह मुश्किल ही दूसरा या तीसरा चक्कर लगा पाती है। जिला बने सालों गुजर गए, आज तक निगम कूड़ा निस्तारण की जगह नहीं ढूंढ पाया। कई बार बैठक में यह मुद्दा उठा, हर बार अधिकारी निष्कर्ष निकालने की बात कहते हैं, लेकिन होता कुछ नहीं। जब जगह नहीं है तो कूड़ा कहां जाएगा। आने वाले समय में समस्या और गंभीर होगी। मेयर सुनीता दयाल का कहना है कि जगह ढूंढी जा रही है। जहां भी जगह फाइनल होती है, लोग विरोध करने लगते हैं, जल्द कोई हल निकाला जाएगा। इसके अलावा जो लोग निगम की गाड़ी की जगह  निजी कूड़े वालों को  कूड़ा देते हैं, वह इधर-उधर सड़कों पर फेंक देते हैं और गंदगी दिखाई देती है। लोगों को निगम की गाड़ी को ही कूड़ा देना चाहिए। 
साहिबाबाद के वार्ड नंबर 86 की पार्षद कविता भाटी कहती हैं कि कूड़ा हमेशा उठवाया जाता है लेकिन जगह की समस्या बनी हुई है, इसलिए दिक्कत आ रही है। यह एक वार्ड नहीं पूरे जिले की समस्या नहीं है। 

कूड़े के निस्तारण को नहीं है स्थाई व्यवस्था
मोहननगर जोन के जोनल प्रभारी (स्वास्थ्य) पवन कुमार कहते हैं कि आजकल कूड़ा बाहर नहीं जा रहा है। जिले में जगह नहीं है, इसलिए यह समस्या बनी हुई है। साहिबाबाद का कूड़ा मुरादनगर की पाइपलाइन मार्ग में डाला जाता है।

इस सरकार में सुनवाई नहीं
राजेंद्र नगर सेक्टर-तीन में सपा नेता अमरपाल शर्मा भी रहते हैं। उनका यहां कार्यालय भी है। वह कहते हैं कि खुद उनके घर के आगे का नाला गंदा पड़ा है। कई बार शिकायत की, आज तक सुनवाई नहीं हुई। इस सरकार में किसी की सुनवाई नहीं हो रही। खोड़ा में मेरी पत्नी नगरपालिका अध्यक्ष है, वहां आपको कूड़ा नहीं दिखाई देगा। सब उठवा दिया गया है लेकिन शहर में बुरा हाल है। 

कूड़े पर आगबबूला हुए अ​धिकारी 
कूड़े न उठने का कारण पूछते ही  नगर निगम में अपर नगर आयुक्त अविंद्र कुमार आगबबूला हो गए। उन्होंने कहा कि बरसात में 45 दिन कूड़ा उठाने की प्रक्रिया बा​धित रही। उसके बाद लगातार कूड़ा उठवाने का प्रयास किया जा रहा है। 

पॉश इलाकों में दो बार उठता है कूड़ा
राजनगर शहर की  पॉश कॉलोनी है, यहां कई अ​धिकारी और राजनेता रहते हैं। इस सेक्टर में सुबह सात बजे और दोपहर तीन बजे दो बार निगम की गाड़ी कूड़ा उठाने आती है, बाकी में एक बार भी मु​श्किल से कूड़ा उठता है। यहां के आरडब्ल्यूए सचिव सुनील दत्त कहते हैं कि हमारे यहां दो बार गाड़ी आती है। जो लोग सुबह कूड़ा नहीं दे पाते, वह दोपहर में दे देते हैं। 

इधर का कूड़ा, उधर फेंक दिया जाता है
साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र के उपाध्यक्ष अजीत तोमर कहते हैं कि निगम के लोग खुद कूड़े में आग लगाते हैं और प्रदूषण बढ़ने की बात की जाती है। हमारे एरिया में आए दिन आग लगाई जाती है। कूड़े का हाल तो यह है कि इधर का कूड़ा उस सड़क और उस सड़क का कूड़ा दूसरी सड़क पर डाल दिया जाता है। निगम आज तक निस्तारण के लिए जगह तो ढूंढ नहीं पाएगा, स्वच्छ गाजियाबाद क्या खाक बनाएगा। यह नारा शहर को मुंह चिढ़ा रहा है। 

साहिबाबाद में सबसे अ​धिक परेशानी
वहीं, साहिबाबाद में पिछले कई दिनों से कूड़ा नहीं उठने से लोग परेशान हैं। राजेंद्र नगर- सेक्टर तीन में राधाकृष्णन मार्ग पर पिछले कई दिनों से कूड़ा फेंका जा रहा है। इस रोड पर कई सोसायटी और कालीजी व हनुमानजी का मंदिर भी है। इसके बावजूद रोज कूड़ा उठाकर इस रोड पर डाला जा रहा है। इससे लोगों का गंदगी से बुरा हाल है। लोग इस रोड पर मुंह पर कपड़ा रखकर गुजरते हैं, इसके साथ ही दिवाली पर भी सफाई न होने पर लोगों का रोष और बढ़ गया है। इसी रोड पर अमर हिंडन होम्स के निवासी आरके शर्मा कहते हैं कि गोल पार्क के पास सर्विस रोड पर भी कूड़ा डाला जाता है, उसे हटाने के कई प्रयास किए गए। इसके बाद भी रात में यहां कूड़ा डाला जा रहा है। इससे सोसाइटी में लोगों का दुर्गंध से बुरा हाल रहता है। ​इस बार दिवाली पर भी कूड़ा नहीं उठा, लोग बदबू से परेशान रहे।